ककड़ी वर्गीय फसल पूरे भारत में उगाई जाने वाली एक प्रमुख फसल है। इसकी खेती में लागत कम लगती हैं एवं मुनाफा साल भर मिलता है। लेकिन इस फसल में कोमल फफूंदी नाम के रोग लगने की अधिक सम्भावना रहती है, यह रोग फसल को पूरी तरह नष्ट कर देता है एवं उत्पादन भी कम हो जाता है। ऐसे में आज हम जानेंगे ककड़ी वर्गीय फसल में कोमल फफूंदी के लक्षण और प्रबंधन के बारे में।
इसमें मेटालैक्सिल और क्लोरोथेलोनिल तकनीकी के रूप में हैं जो जड़ों से नीचे के कवक के बीजाणुओं को मार सकते हैं। पत्तियों में तेजी से प्रवेश करता है और कवक को लक्षित करता है और उन्हें नष्ट कर देता है।
मात्रा: फोलियो गोल्ड2 ग्राम/लीटर
मेलोडी डुओ एक आधुनिक कवकनाशी है जिसमें दो सक्रिय तत्व इप्रोवालिकार्ब और प्रोपीनेब शामिल हैं। दोनों में निवारक और उपचारात्मक कार्रवाई होती है और यह अधोमुखी कवक के बीजाणुओं को अधिक प्रभावी ढंग से मार सकता है।
एक्रोबैट कम्पलीट 4 gm/L –Metiram +Dimethomorph घातक कॉम्बो फंगसाइड विभिन्न फसलों पर डाउनी फफूंदी का प्रबंधन करने के लिए। डाउनी फफूंदी नियंत्रण पर लंबे समय तक प्रभाव रखता है और निवारक उपाय के रूप में भी काम करता है।
ककड़ी वर्गीय फसल में कोमल फफूंदी से बचाव के लिए हमने आपसे सही जानकरी साझा की है। हमें उम्मीद है की यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। ऐसे ही फसलों से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारियां पाने के लिए बिगहाट के यू टयूब चैनल “बिगहाट टीवी हिंदी” की https://www.youtube.com/channel/UC461wYTUWkbsSVvLQ4AhDLw?app=desktop लिंक पर क्लिक करें एवं हमारे टोल फ्री नंबर 1800 3000 2434 पर मिस्ड कॉल करें।
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