जनाथा अमीनो मैक्स एक पोषक तत्वों से भरपूर उत्पाद है, जिसमें प्राकृतिक सूक्ष्म पोषक तत्व, खनिज और एंजाइम-हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन शामिल हैं। यह पौधों के बेहतर विकास को बढ़ावा देता है।
यह जैविक और अजैविक तनावों को सहने की पौधों की क्षमता को बढ़ाकर, फसल को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
एल-ग्लाइसिन और एल-ग्लूटामिक एसिड जैसे घटक पत्तियों में हरित लवक (क्लोरोफिल) बढ़ाने में मदद करते हैं।
हरित लवक में यह सुधार पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को तेज करता है, जिससे बेहतर ऊर्जा उत्पादन और विकास होता है।
अमीनो मैक्स को खेती की नियमित प्रक्रियाओं में शामिल करने से मिट्टी का स्वास्थ्य बना रहता है और फसल का उत्पादन बढ़ता है।
धान, जिसे चावल भी कहा जाता है, दुनिया की आधी आबादी का मुख्य आहार है। यह फसल आमतौर पर पानी भरे खेतों में उगाई जाती है, जो इसे आर्द्रभूमि की खेती के लिए उपयुक्त बनाती है।
धान की खेती खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर एशिया में, जहाँ यह रोज़ाना के आहार का प्रमुख हिस्सा है।
धान की सफल खेती के लिए पानी और पोषक तत्वों का प्रबंधन बहुत आवश्यक है।
वानस्पतिक अवस्था में धान का पौधा तेजी से बढ़ता है, जड़ें और पत्तियाँ विकसित होती हैं और कल्ले निकलते हैं। यह अवस्था लगभग 20-30 दिनों तक चलती है।
इस चरण में पौधे की छतरी (पत्तियों का घेरा) का घना होना जरूरी होता है, ताकि प्रकाश संश्लेषण और पोषक तत्वों का अवशोषण अधिकतम हो।
इस चरण में पौधे के शीर्ष से पुष्पगुच्छ निकलते हैं और परागण की प्रक्रिया शुरू होती है। यही वह समय है जब चावल के दाने बनने लगते हैं।
इस चरण में पौधे को पोषक तत्वों की जरूरत होती है, ताकि अधिक दाने बनें और उनकी गुणवत्ता बेहतर हो।
परिपक्वता के दौरान धान के दाने पूरी तरह से आकार लेते हैं और सख्त हो जाते हैं। यह फसल कटाई से पहले का अंतिम चरण होता है।
इस चरण में पानी की मात्रा को धीरे-धीरे कम करना चाहिए, ताकि खेत सूख जाए और कटाई में आसानी हो।
कपास, जिसे “सफेद सोना” कहा जाता है, कपड़ा उद्योग की रीढ़ है और एक प्रमुख नकदी फसल है।
बेहतर उपज और गुणवत्ता के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग जरूरी है।
ये पोषक तत्व कपास के पौधे के विकास, फूल आने और बीजकोष (बोल्स) के निर्माण में मदद करते हैं।
जनाथा अमीनो मैक्स का उपयोग करके, किसान उच्च गुणवत्ता और भरपूर उत्पादन वाली कपास की फसल प्राप्त कर सकते हैं।
कपास की फसल के वानस्पतिक चरण में, पौधा मजबूत जड़ों का विकास करता है और पत्तियाँ तथा तने बढ़ते हैं। इस चरण में पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति और खेत में नमी बनाए रखना बहुत जरूरी है।
खेत को खरपतवार मुक्त रखें और कीटों व बीमारियों की नियमित निगरानी करें।
इस अवस्था में सही प्रबंधन से पौधे की नींव मजबूत होती है, जिससे भविष्य में अधिक उत्पादन संभव होता है।
कपास की फसल में प्रजनन चरण वह समय होता है, जब पौधा फूल और बीजकोष (बोल्स) बनाने की प्रक्रिया शुरू करता है। यह चरण उपज और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इस दौरान पौधे को पर्याप्त पोषक तत्व, नमी और कीट नियंत्रण की आवश्यकता होती है। फसल की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें।
कपास की फसल में यह चरण तब आता है, जब पौधा बीजकोष (बोल्स) का निर्माण और परिपक्वता पर ध्यान केंद्रित करता है। इस समय पौधों को अतिरिक्त पोषक तत्व और नमी की आवश्यकता होती है।
फसल को कीटों जैसे गुलाबी सुंडी से बचाने और बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी जरूरी है।
जनाथा अमीनो मैक्स कपास की खेती के लिए एक अत्यंत प्रभावी और आवश्यक उत्पाद है।
यह फसल के वानस्पतिक चरण से लेकर बीजकोष निर्माण तक, हर चरण में पौधों की वृद्धि और उपज को बढ़ावा देता है।
इसके नियमित उपयोग से किसान बेहतर गुणवत्ता वाली फसल उगा सकते हैं और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कपास की फसल को स्वस्थ, उत्पादक और टिकाऊ बनाने के लिए पूरे फसल चक्र में अमीनो मैक्स का उपयोग करें।
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