Crop

सरसों की खेती के लिए खेत की तैयारी

भारत ने वर्ष 2020-2021 में कुल 109.50 लाख टन सरसों का उत्पादन किया था। देश का सर्वोच्च सरसों उत्पादक राज्य राजस्थान है। देश के पांच सर्वाधिक सरसों उत्पादन करने वाले राज्य क्रमशः राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात एवं पश्चिम बंगाल है। कुल तीन प्रकार की सरसों पाई जाती है- भूरी, काली और सफेद। इनमें से सर्वाधिक लोकप्रिय काली सरसों है। देश में सरसों की कुल घरेलू मांग का 60-65% तेल उपयोग में जाता है l देश ने गत वर्ष 2020-2021 में 13 लाख टन सरसों के तेल का उत्पादन किया था।

कठिनाई स्तर:

( मध्यम)

बीजों का चयन:

बाजार में सरसों की अनेक किस्में उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ है – एनआरसीडीआर 02, एनआरसीडीआर 601, एनआरसीएचबी 101, डीआरएमआरआईजे 31, डीआरएमआर 150-35, एनआरसीवाईएस 05-02, तोरिया, ब्राउन सरोन, वरुण, शेखर, वैभव, वर्धन, रोहिणी, रोहानी, क्रांति, कृष्णा, वरदान, वैभव, नरेंद्र, राय-8501, किरण, हयाला पीवीसी (9-22-1), राय वरुणा, टी-36 (पीली), आईटीएसए, संगम, टीएल 15, भवानी, टी-36, पीटी 303, पीटी 30, गौरानी (बी54), 18-2-9, पीटी 507, डी. के 1, और टी 9 (काली),सुरभि बीज आदि।

सरसों के बीजों का उपचार:

सरसों के बीजों को थायरम 3 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित कर सकते है। बीजों को भिगोने के बाद 24 घंटे के लिए अंधेरे में संग्रहित करना चाहिए।

सरसों के लिए भूमि की तैयारी:

सर्दियों का मौसम सरसों की खेती के लिए उचित रहता है l इसकी खेती के लिए खेत पूर्ण रूप से साफ होना चाहिए उसमें किसी भी प्रकार के खरपतवार और मिट्टी के ढेले नहीं होने चाहिए l पोषक तत्वों की प्रारंभिक खुराक में 25 टन एफ वाई एम , 25 किलोग्राम नाइट्रोजन और 60 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर के लिए उपयुक्त रहता है l भूमि की कम से कम दो बार जुताई करनी चाहिए। सरसों की बीज दर 5-6 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है l सरसों की बीज बुवाई दो तरीके से कर सकते हैं, छिटक कर या ड्रिल मशीन द्वारा l बीज बुवाई से पूर्व मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिये l प्रारंभिक खुराक के अलावा मिट्टी को नाइट्रोजन 45 किलोग्राम, फास्फोरस 35 किलोग्राम,पोटाश 25 किलोग्राम की और आवश्यकता होती है l सभी पोषक तत्वों को बुवाई से कम से कम चार दिन पहले खेत में डाल देना चाहिए l

सरसों की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी:

सरसों की फसल को कई प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। फिर भी जलभराव से बचने के लिए उचित जल निकास वाली दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके लिए उदासीन से थोड़ी क्षारीय प्रकृति वाली मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है जिसका पीएच मान 6.0 से 7.5 के मध्य होता है l

निष्कर्ष:

सरसों, एक आसानी से उगाई जाने वाली पुरानी फसलों में से एक है। इसकी खेती कई पारंपरिक विधियों से की जाती हैं जो आज भी प्रचलित हैं। नए किसान भाइयों के लिए इसकी खेती करना सरल है। सरसों की खेती में सरसों के तेल का एक अतिरिक्त लाभ है, जिसकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती हैl

Recent Posts

धान की खरपतवारों से छुटकारा और ₹500 तक नकद* राशि!

कॉर्टेवा रिवॉर्ड पॉइंट्स कार्यक्रम शुरू! ! हर धान किसान जानता है, जैसे ही फसल जमती है, खरपतवार…

July 11, 2025

एक्सेल इंडस्ट्रीज़ एक्सकैलेंट FAQs Part 4

प्र: Xscalent इस्तेमाल करते समय कोई सावधानी रखनी चाहिए? उ: Xscalent फसलों, मनुष्यों, मिट्टी और…

March 19, 2025

एक्सेल इंडस्ट्रीज़ एक्सकैलेंट FAQs Part 3

  प्र: क्या Xscalent को विशेष रूप से स्टोर करना पड़ता है? उ: हाँ, इसे…

March 19, 2025

एक्सेल इंडस्ट्रीज़ एक्सकैलेंट FAQs Part 2

  प्र: Xscalent इस्तेमाल करने के बाद स्केल का क्या होता है? उ: घुला हुआ…

March 19, 2025

एक्सेल इंडस्ट्रीज़ एक्सकैलेंट FAQs Part 1

  प्र: Xscalent क्या है? उ: Xscalent एक विशेष मिश्रण है जिसमें चेलेटिंग एजेंट होते…

March 19, 2025

एक्सेल इंडस्ट्रीज़ एपिसेल FAQs Part 5

  प्र: क्या एपिसेल को यूरिया के साथ मिला सकते हैं? उ: जी हां, एपिसेल…

March 19, 2025