आज कल बदलते मौसम के साथ – साथ खेती बाड़ी में नई – नई तकनकियाँ किसानों द्वारा अपनायी जा रही हैं। जिससे कम समय में अधिक फसल को उगाकर लाभ प्राप्त हो सकें। इन्हीं में से एक हाइड्रोपोनिक तकनीक है, जो किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधे को उगाने के लिए मिट्टी की जरुरत नहीं पड़ती है। हाइड्रोपोनिक्स बागवानी में महारत हासिल करना सरल है। इसमें पारंपरिक खेती की तुलना में मेहनत कम लगती है और अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। हाइड्रोपोनिक्स में विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है। हाइड्रोपोनिक्स तकनीक द्वारा टमाटर फसल से कैसे अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जाये आइये जानते हैं विस्तार से।
हाइड्रोपोनिक्स एक प्रकार की तकनीक है, जिसमें मिट्टी का उपयोग किए बिना फसलों को उगाया जाता है और पौधे पोषक तत्वों से तैयार घोल में उगते हैं तथा जड़ समर्थन के लिए वर्मीक्यूलाइट, पेर्लाइट, पीट मॉस या नारियल फाइबर जैसी सामग्री का उपयोग करते हैं।
आपको बता दें कि 6 प्रकार की हाइड्रोपोनिक प्रणालियां होती हैं। जिनका उपयोग व्यावसायिक स्तर पर मिट्टी रहित हाइड्रोपोनिक खेती के लिए किया जाता है। टमाटर उगाने के लिए सबसे प्रभावी हाइड्रोपोनिक तकनीक यह हैं-
इनमें से आप ऐसी प्रणाली चुनें जो आपकी जेब और क्षेत्र की सुगमता से सबसे अधिक मेल खाती हो।
2 . टमाटर की खेती के लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक में आदर्श तापमान:
टमाटर 18-25 डिग्री सेल्सियस बीच के तापमान में अच्छी तरह से विकसित होते हैं। उनके इष्टतम विकास के लिए आदर्श रूप से 12-18 डिग्री सेल्सियस के बीच के कम तापमान की आवश्यकता होती है। उचित तापमान बनाए रखने के लिए, ग्रो लाइट हॉउस बनाना और पौधों को उसके अंदर रखना एक अच्छा तरीका है।
3 . टमाटर की खेती के लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक में प्रकाश की उचित व्यवस्था करें:
टमाटर के लिए प्रकाश बहुत महत्वपूर्ण है। सामान्यतः सभी टमाटरों को प्रतिदिन कम से कम 8 से 10 घंटे तेज प्रकाश की आवश्यकता होती है। कुछ उच्च उपज वाली किस्मों हेतु 18 घंटे तक के प्रकाश में अधिक फल देती हैं। हाइड्रोपोनिक टमाटर उगाने के लिए एलईडी ग्रो लाइट एक लोकप्रिय विकल्प है।
4 . टमाटर की खेती के लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक में पीएच और पोषक तत्वों की मात्रा पर विशेष ध्यान दें:
टमाटरों के अच्छे विकास के लिए मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। लेकिन मैक्रो पोषक तत्व – जिनमें नाइट्रोजन ,फास्फोरस, , पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और सल्फर आदि की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है एवं सूक्ष्म तत्व जैसे बोरान, तांबा, मैंगनीज, क्लोरीन और मोलिब्डेनम, जिंक फेरस आदि की कम मात्रा में आवश्यकता होती है। टमाटर की पौध के लिए उचित पीएच मान करीब 5.8-6.3 के बीच होना चाहिए। जिस पर वे अधिक विकास करते हैं।
आप उत्कर्ष पेर्लाइट का उपयोग अकेले या अन्य पोटिंग मिक्स सामग्री जैसे वर्मीकम्पोस्ट, वर्मीक्यूलाइट, कोकोपीट, नीम खली, कैस्टर खली, बायो कम्पोस्ट आदि के साथ कर सकते हैं और लाभ ले सकते हैं।
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