Govt for Farmers

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड / कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) योजना

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 15 मई 2020 को किसानों के लिए फार्म-गेट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) योजना की घोषणा की। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए प्रोत्साहन देने तथा वित्तीय सहायता के माध्यम से फसल कटाई के बाद के प्रबंधन के बुनियादी ढांचे और सामुदायिक खेती की संपत्तियों से संबंधित व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा देना है। 

योजना का अवलोकन:

  • योजना का नाम एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड / कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) है l
  • इसका अन्य नाम राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा है l
  • यह योजना वर्ष 2020 में लागू हुई l
  • योजना संशोधित दिनांक 01.02.2021 को हुई l
  • योजना की आवंटित राशि 1 लाख करोड़ रु है l
  • सरकारी योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्र की योजना है l
  • क्षेत्र योजना: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा l
  • आवेदन करने के लिए वेबसाइट: https://agriinfra.dac.gov.in/
  • हेल्पलाइन नंबर: 011-23604888

सुविधाएं:

  • एआईएफ योजना को कोविड-19 की प्रतिक्रिया में 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन राशि के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया था l
  • इस योजना का प्रबंधन एवं जांच एक ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाती है l
  • एआईएफ के अंतर्गत फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के प्रकार एवं सामुदायिक खेती संपत्ति में शामिल है:
  • पोस्ट हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: स्टोरेज पार्क-आधुनिक साइलो, वेयरहाउस, इंटीग्रेटेड पैक-हाउस, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, कम्युनिटी ड्राईंग यार्ड, रेफ्रिजरेटिड ट्रांसपोर्टेशन l
  • सामुदायिक कृषि संपत्तियां: कस्टम हायरिंग सेंटर, आईओटी/प्रिसिजन फार्मिंग परिसंपत्तियां l

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत अनेक प्रकार के हितधारक पात्र:

 

हितधारक लाभार्थी
किसान व्यक्तिगत किसान
किसान समूह ·किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)

·संयुक्त दायित्व समूह 

·स्वयं सहायता समूह 

·प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पीएसी)

कृषि उद्यमियों · व्यक्तिगत व्यवसाय के मालिक जैसे मिल मालिक, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, व्यापारी, भंडारण प्रदाता, निर्यातक आदि।

· आपूर्ति श्रृंखला के खिलाड़ी l

· स्मार्ट खेती l

बड़े व्यवसाय · एफएमसीजी के खिलाड़ी l

· निर्यातक l

· खाद्य प्रसंस्करण l

· उपकरण निर्माताओं l

राज्य की एजेंसियां · कृषि उपज विपणन समितियां (एपीएमसी) l

· एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समितियां l

· राज्य भंडारण निगम l

वित्त पोषण पैटर्न:

श्रेणी टिप्पणी
अनुदान देने वाली संस्थाएं · अनुसूचित वाणिज्य बैंक

· अनुसूचित सहकारी बैंक

· लघु वित्त बैंक

· क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

· गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)

· राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी)

निधि का आकार 1 लाख करोड़ रुपये की राशि बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा पात्र लाभार्थियों को ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी l
ब्याज अनुदान 2 करोड़ रुपये की ऋण राशि तक 3% प्रतिवर्ष की दर से  (पीएसीएस के लिए नाबार्ड ऋण 1% आर्थिक सहायता के बाद )
अवधि अधिकतम 7 वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध
अधिस्थगन अवधि · न्यूनतम- 6 माह

· अधिकतम- 2 वर्ष

ऋण वितरण (6 वर्ष) · वित्त वर्ष 2020-21: 4 हजार करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत l

· वित्त वर्ष 2021-22: 16 हजार करोड़ (संतुलित राशि में से) l 

· वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक: 20 हजार करोड़ रुपये की राशि प्रतिवर्ष l 

वित्तीय सुविधा की अवधि 2025-26 तक (6 वर्ष)
ऋण गारंटी माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) के लिए ऋण गारंटी फंड योजना  के अंतर्गत 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए योजना

लाभ:

  • अच्छे मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को एक बड़े आधार पर बेचने में सहयोग मिलेगा, जिससे किसानों को उनकी कुल आय में सुधार करने में मदद मिलती है l
  • किसान यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि बाजार में उत्पाद कब बेचना है एवं साथ ही आधुनिक पैकेजिंग और कोल्ड स्टोरेज सिस्टम तक पहुंच के साथ आय में सुधार कर सकते हैं l
  • दिए गए निधि स्रोत के साथ, उद्यमी आईओटी व एआई जैसी आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर कृषि क्षेत्र में नवाचार पर जोर देंगे। इससे उद्यमियों और किसानों के मध्य मदद के रास्ते और भी बेहतर होंगे l

योजना के बारे में ताजा खबर:

  • एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के लिए आवंटित हुई 1 लाख करोड़ रुपये की राशि के तहत गोदामों/साइलो और अन्य परियोजनाओं की स्थापना के माध्यम से कृषि बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए धन का वितरण धीमा रहा है, क्योंकि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पीएसीएस) आवश्यक बुनियादी ढांचा स्थापित करने में पिछड़ रही हैं।
  • मंत्रिमंडल ने एआईएफ योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन को स्वीकृति दी है जो निवेश बढ़ाने में गुणक प्रभाव प्राप्त करने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है l
  • अधिक लाभार्थियों को शामिल करने के लिए योग्यता मानदंड का विस्तार किया गया।
  • प्रति लाभार्थी परियोजनाओं की संख्या को 1 परियोजना से बढ़ाकर 25 परियोजना कर दिया गया है |
  • एपीएमसी एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की कई परियोजनाएं स्थापित कर सकते है।
  • योजना की अवधि 4 से बढ़ाकर 6 वर्ष, 2023-33 तक बढ़ा दी गई है।

कमियाँ:

एआईएफ में ऋण संवितरण में समस्या योजना की कमियों में से एक है।

  • एआईएफ के अंतर्गत धन का संवितरण धीमा है क्योंकि पीएसी आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना में बहुत पिछड़ रही है। परियोजनाओं की भौतिक प्रगति के आधार पर, पीसीएस द्वारा ऋण वितरण के लिए निर्दिष्ट शर्तें, स्वीकृत राशि के केवल 4 प्रतिशत संवितरित होने के साथ खराब प्रगति का कारण है।

कैसे करें आवेदन:

योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सरल है। 

  1. यदि आप इस योजना का लाभ उठाने के योग्य हैं, तो आप एआईएफ पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते है l
  2. ब्राउजर में जाएं और https://agriinfra.dac.gov.in/Home/Login टाइप करें l
  3. पेज के शीर्ष दाएं कोने में, आप ‘लाभार्थी’ देख सकते हैं। इस पर क्लिक करें और इसके तहत ‘पंजीकरण’ पर क्लिक करें l
  4. अब अपनी जानकारी नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर आदि दर्ज करें l
  5. इसके बाद ‘सेंड ओटीपी’ पर क्लिक करें। फिर अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और फिर ‘सत्यापित करें’ पर क्लिक करें l
  6. अब अपना अन्य विवरण भरें जिसमें लाभार्थी का प्रकार और पता आदि शामिल है, अब ‘सबमिट’ पर क्लिक करें l
  7. इसके बाद आपका ‘रजिस्ट्रेशन सक्सेसफुल’ हो जाएगा। आपको अपना विशिष्ट लाभार्थी पंजीकरण नंबर भी मिलेगा। इसे भविष्य में इस्तेमाल के लिए सेव कर लें l
  8. इसके बाद होमपेज पर जाएं। पेज के ऊपरी दाएं कोने पर दिख रहे ‘लॉगिन’ पर क्लिक करें l
  9. अपना ईमेल/लाभार्थी आईडी टाइप करें और नीचे ‘लॉगिन’ पर क्लिक करें l
  10. पेज के बाईं ओर, ‘ऋण आवेदन’ पर क्लिक करें l
  11. पूछे गए विवरण जैसे, परियोजना विवरण (परियोजना का नाम, विवरण, परियोजना लागत, वार्षिक राजस्व), परियोजना पता, परियोजना भू-स्थान, ऋण विवरण आदि भरें। इसके बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) अपलोड करें और फिर ‘सब्मिट’ बटन पर क्लिक करें। अब आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जायेगा l
  12. आवेदन जमा करने के बाद, फिर मंत्रालय द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी और योग्य आवेदकों को स्वीकृति  दी जाएगी l
  13. मंत्रालय द्वारा अनुमोदन के बाद, आवेदन को डिजिटल रूप से चयनित बैंक या क्रेडिट मूल्यांकन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा l
  14. बैंक आपकी परियोजना की व्यवहार्यता की समीक्षा करेगा और उसके अनुसार परियोजना को स्वीकृति देगा l
  15. स्टेटस अपडेट के साथ आपको हर स्तर पर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज प्राप्त होते रहेंगे l

आवश्यक दस्तावेज:

    • बैंक के ऋण का आवेदन पत्र या एआईएफ ऋण के लिए ग्राहक अनुरोध पत्र विधिवत भरा हुआ और प्रमाणित।
    • प्रमोटर/साझेदारों/निदेशक के पासपोर्ट आकार के फोटो l
    • पहचान प्रमाण – आधार कार्ड/पैन कार्ड/वोटर आईडी कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस l

निवास प्रमाण पत्र:

  • निवासः आधार कार्ड/पैन कार्ड/वोटर आईडी कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/बिजली बिल/पासपोर्ट/नवीनतम संपत्ति कर बिल l
  • व्यापार कार्यालय/पंजीकृत कार्यालय: बिजली बिल/नवीनतम संपत्ति कर रसीद/कंपनियों के मामले में निगमन का प्रमाण पत्र/साझेदारी फर्मों के मामले में पंजीकरण का प्रमाण पत्र l

पंजीकरण का प्रमाण –

  • कंपनी के लिए: संस्था का अनुच्छेद l
  • साझेदारी के लिए: फर्म के रजिस्ट्रार के साथ फर्म के पंजीकरण का प्रमाण पत्र l
  • एमएसएमई के लिए: उद्योग आधार प्रति/जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) के साथ पंजीकरण का प्रमाण पत्र l
  • पिछले 3 साल का इनकम टैक्स रिटर्न (यदि उपलब्ध हो)
  • पिछले 3 वर्षों की लेखापरीक्षित बैलेंस शीट (यदि उपलब्ध हो)
  • जीएसटी प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
  • भू-स्वामित्व रिकॉर्ड
  • कंपनी की आरओआर सर्च रिपोर्ट
  • कंपनी/फर्म/प्रमोटर के केवाईसी दस्तावेज
  • पिछले 1 साल के बैंक स्टेटमेंट की कॉपी (यदि उपलब्ध हो)
  • मौजूदा ऋणों का पुनर्भुगतान ट्रैक रिकॉर्ड (ऋण विवरण)
  • प्रमोटर का नेट वर्थ विवरण
  • विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)
  • स्थानीय प्राधिकरण की अनुमति, भवन स्वीकृति, लेआउट योजना/अनुमान (जैसा लागू हो)

निष्कर्ष:

कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) उर्फ राष्ट्रीय कृषि इंफ्रा फाइनेंस सुविधा योजना का उद्देश्य भारतीय कृषि के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कृषि उद्यमियों को आर्थिक मदद प्रदान करना है। यह योजना कृषि मूल्य श्रृंखला के प्रमुख तत्वों के आधुनिकीकरण और स्थापना को सुगम बनायेगी।

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