पराली जलाने के कारण 50 से 55 फीसदी कार्बन का उत्सर्जन होता है, जो प्रदुषण का मुख्य कारण बनता है। जिससे न केवल हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है बल्कि अन्य फसलों की खेती भी प्रभावित होती हैं। ऐसे में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। बता दें हरियाणा सरकार ने राज्य में पराली से होने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए एक एहम फैसला लिया है। सरकार द्वारा लिया गया एहम फैसला किसानों के लिए कितना लाभकारी है, आइये जानते हैं।
दरअसल, पराली जलाने के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हरियाणा सरकार किसानों को फसल विविधिकरण योजना के तहत धान की जगह कपास और दलहनी फसल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जी हाँ राज्य सरकार ने किसानों को धान की खेती के बदले कपास और दलहनी फसलों की खेती करने पर अनुदान सहायता राशि प्रदान करने का एहम फैसल लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें राज्य सरकार किसानों को कपास और दलहनी फसलों की खेती करने के लिए करीब 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान राशि मुहैया करा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से आवेदन आमंत्रित कर दिए गए हैं। इसलिए अगर आप भी धान की खेती कर रहे हैं तो जल्द से जल्द उठायें लाभ।
बता दें इस अनुदान राशि का लाभ उठाने के लिए आवेदक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। इसमें आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2022 निर्धारित की गयी है।
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