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डेयरी उद्यमिता विकास योजना से डेयरी व्यवसाय में बढ़ा सकते हैं दोगुना मुनाफा, जानिए आवेदन प्रक्रिया

वर्तमान में लगातार डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग को देख डेयरी व्यवसाय पशुपालकों के लिए एक बहुत अच्छा और मुनाफेदार व्यवसाय साबित हो रहा है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए काफी सावधानियां रखनी पड़ती है अन्यथा इसमें भारी नुकसान भी झेलना पड़ता है। ऐसे में इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए डेयरी उद्यमिता विकास योजना को शुरू किया है। इस योजना के तहत डेयरी शुरु करने के लिए या पुरानी डेयरी का विकास करने के तहत नाबार्ड बैंक से 33 प्रतिशत तक सरकारी सब्सिडी पर लोन मिलता है।

योजना विवरण:

  • योजना का नाम: डेयरी उद्यमिता विकास योजना
  • योजना संशोधित: 2009
  • योजना निधि आवंटित: 10% ऋण या 25% सब्सिडी
  • सरकारी योजना का प्रकार: केंद्र सरकार
  • आवेदन करने के लिए वेबसाइट: https://www.nabard.org/

विशेषताएं:

योजना डेयरी किसानों को उनके बुनियादी ढांचे के निर्माण या मरम्मत में मदद करती है, इससे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। बछड़ा पालने और प्रजनन स्टॉक के संरक्षण के रूप में भी सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों के इस असंगठित क्षेत्र को मजबूत करना है। इस योजना के तहत, आप विभिन्न श्रेणियों के तहत न्यूनतम 6300 रुपये से लेकर 11 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

श्रेणी टिप्पड़ी
पात्रता किसान, व्यक्तिगत उधमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूह इत्यादि। संगठित क्षेत्र के समूह में स्वयं सहयता समूह (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां , दूध संगठन, दूध महासंघ आदि।
सब्सिडी
  • सामान्य वर्ग के लिए 25% सब्सिडी
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 33.3%
किसके लिए सब्सिडी लघु डेयरी इकाइयां, बछड़ा पालन, वर्मीकम्पोस्ट इकाई, दुग्ध मशीनरी, प्रसंस्करण उपकरण आदि।
निम्न लिखित बैंकों से लोन
  • वाणिज्यिक बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
  • राज्य सहकारी बैंक
  • ग्रामीण विकास बैंक
  • ऐसे सभी संस्थान, जो नाबार्ड से जुड़े हैं।

 

योजना के लाभ:

  • व्यावसायिक स्तर पर दुग्ध प्रबंधन की गुणवत्ता और प्रौद्योगिकी में सुधार का अवसर है।
  • बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ सहायता प्रदान करता है।
  • दुग्ध उत्पादन और दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए वित्तीय सहायता।
  • इस योजना के तहत वर्मीकम्पोस्ट इकाइयों, विपणन, कोल्ड स्टोरेज आदि सहित विभिन्न श्रेणियों के माध्यम से अधिक स्वरोजगार के अवसर सृजित करें।
  • अधिक उत्पादकता के लिए उत्कृष्ट प्रजनन स्टॉक की पहचान और संरक्षण और उनके पालन के उपाय किए जा रहे हैं।
  • ग्राम स्तर पर दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों को प्रारंभ करने का अवसर देना।

डेयरी उद्यमिता विकास योजना की खामियां:

  • न्यूनतम परियोजना लागत के लिए प्रत्येक श्रेणी के लिए राशि  तय की गई है। संबंधित श्रेणियों में उच्च लागत वाली इकाई वाले लोगों के लिए यह एक और चिंता का विषय है।
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 में किसानों को कोई प्रोत्साहन दिए बिना परियोजना रद्द कर दी गई। यदि आवश्यक उपाय नहीं किए गए तो ऐसा फिर से हो सकता है।

दस्तावेज़:

  • पहचान पत्र
  • आवास प्रमाणपत्र
  • सिविल रिपोर्ट
  • जाति प्रमाण पत्र
  • इनकम टैक्स रिटर्न
  • प्रोजेक्ट रिपोर्ट

कैसे करें आवेदन:

  • आवेदन करने के लिए सबसे पहले  लेख में बताई गयी निम्न बैंकों की ब्रांचों का चयन करें।
  • वहां से आवेदन फॉर्म मांग कर उसमें सभी जानकारियां ध्यानपूर्वक भरें।
  • इसके बाद सभी दस्तावेज़ों को सगलंग्न कर फॉर्म जमा करें।
  • लोन स्वीकृत होने के बाद  सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए बैंक दारा जानकारी दी जाती है।
  • इसके आलावा https://nabard.org नाबार्ड की वेबसाइट पर भी योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

निष्कर्ष:

हमारे इस लेख को पढ़ने  के लिए आपका धन्यवाद। कृषि क्षेत्र  को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। किसान समुदाय को सशक्त बनाने एवं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों  में सही और उचित जानकारी पहुंचाने की  हमारी पूरी कोशिश है। ऐसी ही खेती और कृषि ख़बरों को पढ़ने और जानने के लिए किसान वेदिका वेबसाइट लिंक https://kisanvedika.bighaat.com/ पर क्लिक करें। 

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