परम्परागत कृषि विकास योजना
परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उन्हें जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती है। भारत सरकार ने इस पीकेवीवाई योजना को विशेष क्लस्टर (क्षेत्र) में रसायन मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लागू किया। पीकेवीवाई योजना राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (एसएचएम) का एक विस्तृत भाग है। पीकेवीवाई का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है, जिसके द्वारा मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सके।
पीकेवीवाई योजना प्रमाणित जैविक खेती के लिए सहभागी प्रत्याभूति योजना (पीजीएस) की प्रमाणन विधियों के द्वारा जैविक खेती के लिए प्रमाणपत्र बनाती है l सहभागी प्रत्याभूति योजना (पीजीएस) उन कृषि भूमि को जैविक प्रमाण देता है जो भूमि पारंपरिक कृषि भूमि से जैविक भूमि में परिवर्तित हुई है और उन जैविक कृषि उत्पादों को घरेलू बाजार में लाने में भी मदद करती है।
वर्ग | टिप्पणी |
उद्देश्य | जैविक कृषि भूमि तैयार करना, कानूनी प्रमाणीकरण के साथ |
लाभार्थी | किसान |
प्रमुख घटक | आधुनिक जैविक क्षेत्र (क्लस्टर) की प्रदर्शनी – जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जैविक खेती की नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना । |
आदर्श जैविक फार्म :- प्रदर्शन का उद्देश्य एक हेक्टेयर क्षेत्र की जैविक कृषि पद्धतियों द्वारा किये गए पारंपरिक भूमि से जैविक भूमि में परिवर्तन को प्रदर्शित करना है। यह घटक जैविक उत्पादन की विभिन्न नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने में मदद करता है l | |
किसान समूह (क्लस्टर) | जैविक खेती करने के लिए 50 या इससे अधिक किसानो एवं 50 एकड़ भूमि के एक समूह (क्लस्टर) का निर्माण करेंगे, एवं जैविक खेती के तहत 3 साल के लिए 5 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर करते हुए 10,000 समूह( क्लस्टर) बनाए जाएंगे। |
आर्थिक सहायता | 50000/हेक्टेयर/3 वर्ष की अवधि तक समूह (क्लस्टर) का गठन, क्षमता का निर्माण, जैविक उत्पादन के लिए प्रोत्साहन, मूल्य संवर्द्धन और विपणन के लिए प्रदान किया है। जिसमें 31000 रुपये /हेक्टेयर/3 वर्ष तक जैविक उत्पाद जैसे की जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक, बीज आदि की तैयारी एवं खरीद के लिए डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया है और 8800 रुपये/हेक्टेयर/3 वर्ष तक कटाई के बाद भंडारण एवं प्रबंधन में होने वाले मूल्य संवर्द्धन और विपणन शामिल हैं। |
भूमि परिवर्तन समयावधि | पीकेवीवाई योजना के अंतर्गत, कानूनी रूप से पीजीएस प्रमाणन के लिए किसानों को 36 महीने की समय अवधि के अंदर पारम्परिक भूमि को जैविक कृषि भूमि में परिवर्तित करना होगा। |
नवीन आंकड़ों के अनुसार, पीकेवीवाई योजना में 32384 विशेष क्षेत्र (क्लस्टर) बनाए गए हैं और इसमें 6.53 लाख हेक्टेयर के क्षेत्र को कवर किया गया है, जिससे 16.19 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
चरण 1: परंपरागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट यानी https://pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं।
चरण 2: होमपेज पर, “अभी आवेदन करें” विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 3: आवेदन फॉर्म स्क्रीन पर खुल जाएगा।
चरण 4: प्रपत्र में सभी आवश्यक जानकारी भरें। (सभी विवरण जैसे नाम, मोबाइल नंबर, पता, ईमेल आईडी, बैंक विवरण आदि का उल्लेख करें) और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
चरण 5: आवेदन के अंतिम सबमिशन के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें।
परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) व्यावसायिक जैविक उत्पादन को, प्रमाणित जैविक खेती के माध्यम से बढ़ावा दे रही है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक संसाधनों के द्वारा जैविक फसल के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी और उन्हें जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करेगी। रासायनिक खेती से जैविक खेती के परिवर्तन के प्रारंभिक चरण के दौरान किसानों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
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