मत्स्य एवं जलीय कृषि संरचना विकास अनुदान (एफआइडीएफ) की स्थापना भारत सरकार के मत्स्य विभाग (डीऔएफ), मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, द्वारा वर्ष 2018 -19 में की गई थी, जिसमें समुद्री क्षेत्र एवं अंतर्देशीय मत्स्य क्षेत्र इन दोनों क्षेत्रों में नीली क्रांति के अंतर्गत वर्ष 2020 तक मछली उत्पादन के 15 मिलियन के लक्ष्य को प्राप्त करना था l
वर्ग | टिप्पणियां |
क्रियान्वयन संस्था | राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (इनएफडीबी), हैदराबाद |
रोजगार के अवसर | > 9.40 लाख मछुआरे/ मछली पकड़ने वाले और सम्बंधित गतिविधियों से जुड़े अन्य उद्यमी |
लक्ष्य | मछली उत्पादन में 2022-23 तक 8-9% की वृद्धि के साथ 20 मिलियन टन का लक्ष्य हासिल करना। |
नोडल ऋण संस्थाए | · नाबार्ड · राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम (इनकिडीसी) · सभी अनुसूचित बैंक |
ऋण देने की अवधि | 5 वर्ष (2018-19 से शुरू होकर 2022-23 तक) |
पात्र संस्थाएं (ईई) | · राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश · राज्य स्वामित्व प्राधिकरण /राज्य सरकार के उपक्रम/सरकार प्रायोजित समर्थक संगठन · मत्स्य सहकारिता संघ · पंचायत राज संस्थाएं/स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)/एनजीओ · सहकारिता, मछली किसानों के सामूहिक समूह, मछली उत्पादन समूह अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/सीमांत किसान महिला और उद्यमी · निजी कंपनियां/उद्यमी · शारीरिक रूप से अक्षम |
ऋण की मात्रा | बैंक योग्य परियोजनाओं के आधार पर ऋण राशि के रूप में लागत का 80% |
ब्याज अनुदान | मत्स्य पालन विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं के आधार पर सभी पात्र संस्थाओं (ईई) के लिए प्रति वर्ष 3% |
उधार ब्याज दर | मत्स्य पालन विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं के आधार पर सभी पात्र संस्थाओं (ईई) के लिए प्रति वर्ष 5% से कम नहीं
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अधिकतम ऋण चुकाने की अवधि | 12 वर्ष (2 वर्ष के अस्थायी प्रतिबंध सहित) |
अनुमानित निधि की मात्रा (7522.48 करोड़ रुपये) | नोडल ऋण संस्थानों (एनएलई) द्वारा रु. 5266.40 करोड़ |
लाभार्थी के योगदान के द्वारा रु. 1346.6 करोड़ | |
भारत सरकार के द्वारा रु. 939.48 करोड़ |
मत्स्य विभाग ने कुल 110 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमे विभिन्न मत्स्य संरचनाओं के निर्माण के लिए कुल रु 5285.45 करोड़ का आवंटन किया गया है l
लाभार्थी सभी प्रकार की संस्थाओं, ऑनलाइन माध्यम और एफआइडीएफ आवेदन के लिए एफआईडीएच पोर्टल के माध्यम से सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
(नोट:- एनएफडीबी जमा किए गए आवेदनों की जांच करेगा एवं बैंक ऋण के लिए प्रस्तावों की अनुशंसा केंद्रीय अनुमोदन और निगरानी समिति (सीएएमसी) से करेगा एवं बैंक उसके अनुसार ऋण मंजूर करेंगे (मानदंड यानी 3% तक ब्याज प्रति वर्ष) l
मत्स्य एवं जलीय कृषि संरचना विकास अनुदान (एफआइडीएफ) का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र एवं अंतर्देशीय मत्स्य क्षेत्र की संरचना विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों, राज्य संस्थाओं, सहकारी समितियों, व्यक्तिगत उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। जिसमें मछली पकड़ने के बंदरगाहों/मछली लैंडिंग केंद्रों , मछली बीज फार्मों, मछली फ़ीड मिलों, जलाशयों में पिंजरा पालन, समुद्री संवर्धन गतिविधियों, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाजों की शुरुआत, रोग निदान केंद्र की स्थापना का विकास आदि शामिल है , इन सभी सुविधाओं को एफआइडीएफ के अंतर्गत वित्तीय रूप से समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा मछली परिवहन के लिए जलीय एवं कोल्ड चैन सुविधाओं जैसे बर्फ संयंत्रों, कोल्ड स्टोरेज ,मछली प्रसंस्करण इकाइयों,मछली बाजारों का विकास करना आदि शामिल है । यह संरचना अधिक मछली उत्पादन ,एवं उत्पादन के अधिक मूल्य के साथ साथ 4 मिलियन से अधिक समुद्री और अंतर्देशीय मछुआरों, विशेष रूप से महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों एवं कमजोर वर्गों को लाभान्वित कर सकती है।
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