देश के किसानो को कृषि एवं उससे सम्बंधित क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2007 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सतत विकास को प्रोत्साहित किया जायेगा साथ ही भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को बढ़ावा भी दिया जायेगा। यह योजना किसानों की आर्थिक स्तिथि में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह योजना किसानों के लिए लाभकारी साबित होती है।
कृषि विकास योजना का प्राथमिक उद्देश्य राज्यों को कृषि और संबंधित क्षेत्रों में समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता देना है। यह योजना कृषि और संबंधित उद्योगों में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि किसानों और अन्य हितधारकों को कृषि विकास का लाभ मिले।
श्रेणी | विवरण |
पात्रता | सभी राज्य सरकारें एवं केन्द्र शासित प्रदेश |
धनराशि आवंटित | केंद्र सरकार राज्यों को 60:40 के अनुपात में, पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी राज्यों को 90:10 के अनुपात में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। |
निवेश के क्षेत्र | कृषि क्षेत्र के जो पहलू महत्वपूर्ण हैं उनमें अनुसंधान और विकास, विस्तार सेवाएँ, बीज उत्पादन, बेहतर कृषि विपणन बुनियादी ढाँचा, मूल्य श्रृंखला विकास और सिंचाई, मृदा स्वास्थ्य और भूमि विकास जैसे कृषि बुनियादी ढाँचे का उन्नयन शामिल हैं। |
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका उद्देश्य कृषि विकास का समर्थन करना है। योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य सरकारों को कृषि और संबंधित उद्योगों में अपना निवेश बढ़ाने के लिए राजी करना, निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि किसानों और अन्य हितधारकों को कृषि विकास से लाभ हो, जिससे भारत के कृषि क्षेत्र को मदद मिले।
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