मवेशी पालन जीवन यापन करने के लिए भारत का एक पारम्परिक संसाधन है यह संसाधन कृषि अर्थव्यवस्था से सबसे अधिक निकटता से जुड़ा हुआ है कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से पीएम नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2014 को गाय की देशी प्रजातियो के विकास एवं संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश के ग्रामीण किसानों के लिए, देश में दूध की बढ़ती मांग की पूर्ति करने के लिए एवं दुग्ध उत्पादन और गोवंश की उच्च नस्ल की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
वर्ग | टिप्पणियां |
योजना के तहत दृष्टिगत प्रोजेक्ट | गौ जातीय प्रजनन और डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम – एनपीबीबीडी |
लाभार्थी | देश के किसान और पशुपालक |
वित्तपोषण पद्धति
| कुछ अपवादों के साथ 100% अनुदान सहायता । · त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम – 5000 रुपये की सब्सिडी प्रति आईवीएफ गर्भावस्था । · सेक्स सॉर्टेड सीमेन के लिए – 50% तक लागत सब्सिडी । · नस्ल बढ़ाने के लिए फार्म की स्थापना – केंद्र सरकार द्वारा 50% तक पूंजीगत लागत का प्रदान किया जाता है, ऋण राशि पर 3% सब्सिडी एएचआईडीएफ योजना के तहत ली जा सकती है । • गाय/भैंस प्रजनन फार्म: 4 करोड़ रुपये • सुअर प्रजनन फार्म: 1 करोड़ रुपये • चिकन प्रजनन फार्म: 60 लाख रुपये • बकरी प्रजनन फार्म: 50 लाख रुपये |
क्रियान्वयन संस्थाये | स्वदेशी मवेशियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सभी एजेंसियां “प्रतिभागी एजेंसियां” हैं जिनमें सेंट्रल फ्रोजन सीमन प्रोडक्शन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (सीएफएसपीटीआई), सेंट्रल कैटल ब्रीडिंग फार्म (सीसीबीएफएस), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीऐआर), विश्वविद्यालय, कॉलेज, गैर- सरकारी संगठन (एनजीओ), सहकारी समितियां। |
आरजीएम के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख घटक आते हैं-
यह योजना ऐएचडी विभाग की संशोधित और पुनर्गठित योजना है, जिसके तहत 2400 करोड़ रुपये की राशि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक आवंटित की जानी है।
मवेशी पालन एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है यह कई लोगों के जीवन यापन का एक महत्वपूर्ण साधन है क्रॉस ब्रीडिंग से गायों की नस्लों की गुणवत्ता बहुत प्रभावित होती है और दूध की पैदावार कम हो जाती है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना और योजना की प्रभावी प्रक्रिया के माध्यम से इस विषय पर विचार करने का प्रयास किया गया है सरकार इस योजना के लिए बहुत अच्छी मात्रा में राशि उपलब्ध करवा रही है जिसका बुद्धिमानी से और गुणवत्ता की दिशा में उपयोग करने की अति आवश्यकता है।
कृषि में दक्षता और उत्पादकता हमेशा महत्वपूर्ण होती है। कल्पना करें कि एक ऐसा समाधान…
आज की खेती में, जल प्रबंधन का सही तरीका बहुत ज़रूरी है। टपक सिंचाई प्रणाली…
टिकाऊ कृषि के मूल में एक सरल किन्तु गहन अवधारणा निहित है: अपशिष्ट को धन…
आज के बदलते कृषि परिदृश्य में टिकाऊ और कुशल कृषि पद्धतियां खोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।…
कृषि में जल एक मूलभूत संसाधन है, जो फसल की वृद्धि और सुरक्षा के लिए…
टपक सिंचाई प्रणाली आधुनिक कृषि का एक अनिवार्य घटक बन गई है, जो पौधों की…