Govt for Farmers

राष्ट्रीय गोकुल मिशन: सरकार देगी 2 करोड़ तक की सब्सिडी

मवेशी पालन जीवन यापन करने के लिए भारत का एक पारम्परिक संसाधन है यह संसाधन कृषि अर्थव्यवस्था से सबसे अधिक  निकटता से जुड़ा हुआ है कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से  पीएम नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2014  को गाय  की देशी प्रजातियो के विकास एवं संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश के ग्रामीण किसानों के लिए, देश में दूध की बढ़ती मांग की पूर्ति करने के लिए एवं दुग्ध उत्पादन और गोवंश की उच्च नस्ल की  उत्पादकता को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

योजना का अवलोकन:

  • योजना का नाम: राष्ट्रीय गोकुल मिशन ।
  • योजना लागू: 2014 (2021 से 2026 तक जारी) ।
  • योजना निधि आवंटित: 2400 करोड़ रुपये।
  • योजना का प्रकार: केंद्र सरकार की योजना ।
  • योजना क्षेत्र: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ।
  • आवेदन करने के लिए वेबसाइट: https://dahd.nic.in/
  • हेल्पलाइन नंबर: एन ए ।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन की मुख्य विशेषताएं:

वर्ग टिप्पणियां

योजना के तहत दृष्टिगत प्रोजेक्ट 

गौ जातीय प्रजनन और डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम – एनपीबीबीडी

लाभार्थी देश के किसान और पशुपालक
वित्तपोषण पद्धति

 

कुछ अपवादों के साथ 100% अनुदान सहायता ।

· त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम – 5000 रुपये की सब्सिडी  प्रति आईवीएफ गर्भावस्था ।

· सेक्स सॉर्टेड सीमेन के लिए  – 50% तक लागत सब्सिडी ।

· नस्ल बढ़ाने के लिए फार्म की स्थापना – केंद्र सरकार द्वारा  50% तक  पूंजीगत लागत का प्रदान किया जाता है, ऋण राशि पर 3% सब्सिडी एएचआईडीएफ योजना के तहत  ली जा सकती  है ।

                      • गाय/भैंस प्रजनन फार्म:   4  करोड़ रुपये

                      • सुअर प्रजनन फार्म:   1 करोड़ रुपये

                      • चिकन प्रजनन फार्म:   60 लाख रुपये

                      • बकरी प्रजनन फार्म:   50 लाख रुपये

क्रियान्वयन संस्थाये 

स्वदेशी मवेशियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सभी एजेंसियां “प्रतिभागी एजेंसियां” हैं जिनमें सेंट्रल फ्रोजन सीमन प्रोडक्शन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (सीएफएसपीटीआई), सेंट्रल कैटल ब्रीडिंग फार्म (सीसीबीएफएस), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीऐआर), विश्वविद्यालय, कॉलेज, गैर- सरकारी संगठन (एनजीओ), सहकारी समितियां।

 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के घटक:

आरजीएम के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख घटक आते हैं-

  1. आधुनिक प्रजनन तकनीकों द्वारा नस्ल सुधार:
  • भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी की स्थापना ।
  • “सेक्स सॉर्टेड वीर्य” उत्पादन ।
  1. उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि-
  • संतति  परीक्षण ।
  • अच्छी नस्ल का चयन।
  1. कृत्रिम गर्भाधान (एआई) क्षेत्र का विस्तार-
  • ग्रामीण भारत (मैत्री) केंद्रों में बहुउद्देश्यीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीकज्ञ /टेक्नीशियन की स्थापना।
  • मौजूदा एआई केंद्रों का सुदृढ़ीकरण।
  • एलएन भंडारण, परिवहन और वितरण प्रणाली को मजबूत करना।
  • मौजूदा एआई टेक्नीशियन को प्रशिक्षण।
  1. देशी नस्लों का संरक्षण-
  • गोकुल ग्राम की स्थापना/एकीकृत मवेशी विकास।
  • राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केन्द्रों की स्थापना।
  1. जागरूकता कार्यक्रम-
  • राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम।
  • प्रजनन शिविरों का आयोजन।
  • ई-गोपाला एप का शुभारंभ।
  • किसानों को पुरस्कार (गोपाल रत्न/कामधेनु)।

योजना के बारे में नवीनतम समाचार:

यह योजना ऐएचडी विभाग की संशोधित और पुनर्गठित योजना है, जिसके तहत 2400 करोड़ रुपये की राशि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक आवंटित की जानी है।

उद्देश्य:

  • स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण।
  • पशु विकास केंद्रों की स्थापना करना जिन्हें गोकुल ग्राम कहा जाता है, जिसके माध्यम से 40% तक गैर-वर्णित नस्लों सहित स्वदेशी नस्लों का विकास करना है।
  • उन्नत तकनीकों का उपयोग करके दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना और गायों की नई नस्ल की उत्पादकता में वृद्धि करना है।
  • उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों  का  प्रजनन उद्देश्यों के लिए वंशावाली को बढ़ाना है।
  • कृत्रिम प्रजनन के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किसानो को उनके दरवाजे पर जाकर सुविधा प्रदान करना है।

फायदे:

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन सभी प्रकार के मवेशियों और भैंसों की गुणवन्ता पूर्ण नस्लों को बढ़ाने में सहायता करता है जिसके परिणामस्वरुप यह भारत के छोटे और सीमांत किसानो  को  लाभान्वित करता है।
  • पशुपालन से सम्बंधित 70% कार्य महिलाएं के द्वारा भी किये जाते है इसलिए इस योजना से महिलाएं भी लाभान्वित होंगी।

आवश्यक दस्तावेज:

  •     आधार कार्ड
  •       निवास प्रमाण पत्र
  •       आयु प्रमाण पत्र
  •       आवास प्रमाण पत्र
  •       आय प्रमाण पत्र
  •       पासपोर्ट आकार की फोटो

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवेदन कैसे करें:

  • योजना के लिए आवेदन करने के लिए अपने जिले के पशुपालन और डेयरी विभाग में जाएँ ।
  • आवेदन करने  लिए  सभी आवश्यक दस्तावेज अपने साथ ले जाएँ ।
  • संबंधित अधिकारी से योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करें।
  • आवेदन पत्र में पूछे गए विवरण को भरें और प्रपत्र में उल्लिखित आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करें।
  • सभी आवश्यक जानकारी भरने के बाद फॉर्म जमा करें, फॉर्म जमा करने के बाद आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

निष्कर्ष:

मवेशी पालन एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है यह कई लोगों के जीवन यापन का एक महत्वपूर्ण साधन है क्रॉस ब्रीडिंग से गायों की नस्लों की गुणवत्ता बहुत प्रभावित होती है और दूध की पैदावार कम हो जाती है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना और योजना की  प्रभावी प्रक्रिया के माध्यम से इस विषय पर विचार करने का प्रयास किया गया है सरकार इस योजना के लिए बहुत अच्छी मात्रा में राशि उपलब्ध करवा रही है जिसका बुद्धिमानी से और गुणवत्ता की दिशा में उपयोग करने की अति आवश्यकता है।

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