News

आईसीएआर द्वारा विभिन्न फसलों की जलवायु प्रतिरोधी किस्मों को विकसित किया गया है

राज्यसभा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा अपने लिखित उत्तर में दी गई जानकारी के अनुसार आईसीएआर द्वारा विभिन्न फसलों की ऐसी  प्रतिरोधी किस्मों को विकसित किया गया है जिनके द्वारा  जलवायु  परिवर्तन सम्बन्धी सभी प्रकार के दबावों को झेला जा सकता है l यह उपाय जलवायु परिवर्तन की स्थिति में होने वाले प्रभाव के कारण उत्पादन में किसी प्रकार प्रभावित ना  हो और उत्पादन को और अधिक बढ़ाया जा सके, 2014 से अब तक कुल 2122 किस्में जारी की गई हैं, जिनमें से 1752 जलवायु-प्रतिरोधी किस्में हैं, 400 अजैविक तनाव-प्रतिरोधी किस्में हैं और 1352 जैविक तनाव-प्रतिरोधी किस्में हैं। कृषि में बहुत बड़े पैमाने पर इन प्रौद्योगिकियों  को  विकसित और लोकप्रिय के  लिए 68 स्थल-विशिष्ट बनाये गए है l 

विगत आठ वर्षों में कृषि के लिए, 650 जिलों में आकस्मिक योजनाएँ विकसित की गई हैं और इन योजनाओं के लिए  सरकारी अधिकारियों को 57 राज्य-स्तरीय इंटरफेस बैठकों के माध्यम से तैयार किया गया है। यह सभी योजनाएं नीति निर्माताओं की देर से आने वाले मानसून और  मौसम की अन्य घटनाओं  समय त्वरित निर्णय लेने में  सहायता करने  के लिए ऑनलाइन उपलब्ध हैं। 446 गांवों को कवर करने वाले 151 समूहों में आपदा अनुसार  मूल्यांकन के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया है जलवायु परिवर्तन के कृषि पर होने वाले नकारात्मक प्रभावों तकनीकी माध्यम से हस्तक्षेप करके प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया गया है इस कारण पिछले 5 वर्षों के दौरान देश में खाद्यान्न उत्पादन में निरंतर वृद्धि इस प्रकार हुई है:

वर्ष 2017-2018 2018-2019 2019-20 2020-21 2021-22
खाद्यान्न उत्पादन (मिलियन टन में) 285.01 285.21 297.50 310.74 315.72

 

जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिरोधी किस्मों का विकास एवं उस पर होने वाले परीक्षणों पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा किए गए 2020-21 के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलफएस) के अनुसार सम्पूर्ण भारत में  46.46% कार्यबल कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है। इसमें से सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ (66.02%) और नई दिल्ली सबसे कम (0.25%) में लगा हुआ है

Recent Posts

सेलजल: आधुनिक कृषि के लिए जल अनुकूलन में क्रांतिकारी बदलाव

कृषि में दक्षता और उत्पादकता हमेशा महत्वपूर्ण होती है। कल्पना करें कि एक ऐसा समाधान…

January 28, 2025

एक्सस्केलेंट: टपक सफाई क्रियाविधि के माध्यम से खड़ी फसलों के लिए सुरक्षित समाधान

आज की खेती में, जल प्रबंधन का सही तरीका बहुत ज़रूरी है। टपक सिंचाई प्रणाली…

January 28, 2025

बायोकुलम ए डब्लू: फसल की स्थिरता के लिए उपयोग हेतु तैयार अपघटक

टिकाऊ कृषि के मूल में एक सरल किन्तु गहन अवधारणा निहित है: अपशिष्ट को धन…

January 28, 2025

एपिसेल: टिकाऊ कृषि के लिए फसलों की पूरी क्षमता का दोहन

आज के बदलते कृषि परिदृश्य में टिकाऊ और कुशल कृषि पद्धतियां खोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।…

January 28, 2025

सेलजल के साथ कृषि दक्षता को बढ़ाना: जल अनुकूलन और पी एच संतुलन के लिए सुझाव

कृषि में जल एक मूलभूत संसाधन है, जो फसल की वृद्धि और सुरक्षा के लिए…

January 28, 2025

“एक्सस्केलेंट: टपक सिंचाई प्रणाली की सफाई के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी समाधान”

टपक सिंचाई प्रणाली आधुनिक कृषि का एक अनिवार्य घटक बन गई है, जो पौधों की…

January 28, 2025