News

कम लागत में ज्यादा मुनाफा, मधुमक्खी पालन से जल्द बनेंगे लखपति, जानिए कैसे

आज के समय में बढ़ती महंगाई किसान और आम आदमी दोनों के लिए काफी परेशानियाँ खड़ी कर रहा है। वहीँ दूसरी तरफ कभी मौसम की मार तो कभी बाढ़ आदि समस्यायें फसलों को नुकसान पहुँचाती हैं, जिससे किसानों की लागत और मेहनत दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वह मुनाफा प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं। ऐसे में आज इस लेख में हम आपको एक ऐसे कृषि व्यवसाय की जानकारी देने जा रहे हैं जिसे शुरू करके आप चंद महीनों में अपनी लागत से दोगुना मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। 

दरअसल हम बात कर रहे हैं मधुमक्खी पालन की। यह एक ऐसा व्यवसाय है जो कृषि विकास के लिए सर्वोत्तम है। इस व्यवसाय को हर वर्ग के लोग शुरू कर सकते हैं। यह कृषि उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा यह कम लागत के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है। तो इसी क्रम में आइये जानते हैं मधुमक्खी पालन शुरू करने की तकनीक के बारे में पूरी जानकारी।

क्या है मधुमक्खी पालन?

यह एक ऐसा कृषि व्यवसाय है जो वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए अच्छा रोजगार का अवसर प्रदान करता है। इससे शहद और मोम दोनों को ही प्राप्त किया जाता है जिसकी पुरे साल बाजार में अधिक मांग रहती है। इस वजह से यह मधुमक्खी पालन किसानों के लिए अनुकूल और मुनाफेदार व्यवसायों में से एक माना जाता है।

मधुमक्खियों की प्रजातियां:

  • भुनगा या डंभर
  • भंवर या सारंग
  • भारतीय मौन
  • यूरोपियन मधुमक्खी

मधुमक्खी पालन शुरू करने का उपयुक्त समय:

इसके लिए शीतोष्ण मौसम की आवश्यकता होती हैं और जहां ज्यादा फूलों की खेती होती है वह स्थान उपयुक्त रहता है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त स्थान:

आपको इस व्यवसाय को  शुरू करने के लिए उपयुक्त जगह का चयन करना चाहिए जो सूखी होनी चाहिए। नमी का उच्च स्तर मधुमक्खी के उड़ने और शहद के पकने को प्रभावित करता है। स्थल पर पानी का प्राकृतिक या कृत्रिम स्रोत होना आवश्यक है। छत्ते को पेड़ों की छाया में स्थापित किया जा सकता है, या छाया प्रदान करने के लिए कृत्रिम व्यवस्था का प्रबंधन करें। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि किसान मधुमक्खी पालन परियोजना के लिए ऐसी जगह का चयन करता है जहाँ पेड़ प्रचुर मात्रा में हों, तो वह पेड़ों के नीचे छत्तों को छाया में रख सकता है। मधुमक्खियों के लिए पराग और शहद प्रदान करने वाले पौधे फ्लोरस या चारागाह कहलाते हैं। इसके लिए उस स्थान का चुनाव करें जहाँ फूलों की खेती ज्यादा होती है।

मधुमक्खी पालन

मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरण:

  • मास्क, सुरक्षा किट और दस्ताने
  • हीटर, स्टेनलेस स्टील टैंक
  • टॉप बी फीडर
  • धूमन करने वाले उपकरण
  • मधुमक्खी  बॉक्सेस
  • मधुमक्खी फ्रेम फीडर
  • इलेक्ट्रिक अन कैंपिंग चाकू
  • क्वीन कप सिस्टम स्टार्टर किट
  • प्लास्टिक छत्ता उपकरण

मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करने में लगेगी कितनी लागत:

मधुमक्खी पालन व्यवसाय को किसान भाई छोटे स्तर से भी शुरू कर सकते हैं, जो की लगभग 5 बाक्स से भी शुरू किया जा सकता है। इसमें एक बॉक्स की कीमत लगभग 4 हजार रुपए होती है, इस तरह अगर 5 बॉक्स लगाएंगे, तो इसमें 20 हजार रुपए की लागत आएगी। 

बॉक्स व मधुमक्खियां कहां से प्राप्त करें:

दरअसल, दिल्ली में नेशनल बी बोर्ड से प्रमाणित संस्थाएं हैं, जहां से किसान भाई मधुमक्खियों को खरीद सकते हैं साथ ही आप अपने राज्य के उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र से भी मधुमक्खियों को खरीद सकते हैं एवं मधुमक्खी बाक्स भी प्राप्त कर सकते हैं। 

मधुमक्खी पालन के लिए सरकार कर रही मदद:

आपको बता दें किसानों के बीच मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारें अनुदान सहायता राशि प्रदान कर रही हैं साथ ही नेशनल बी बोर्ड, नाबार्ड के सहयोग से,भारत में मधुमक्खी पालकों के वित्तपोषण के लिए योजनाएँ भी बना रही है। 

मधुमक्खी पालन से कितनी होगी कमाई:

मधुमक्खी पालन में कमाई की बात करें तो बता दें इसके एक मक्खी से लगभग 35 – 40 किलो प्रति साल तक शहद प्राप्त होता है। वहीं बाजार में शहद की गुणवत्ता के हिसाब से कीमत 350 से 400 रू. प्रति किलो तक मिलती है। वहीं दूसरी तरफ आप मधुमक्खियों के छत्ते से प्राप्त मोम को भी बाजार में बेच सकते है, इससे भी आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है।

मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण:

मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आप अपने निकटतम KVK या कृषि विश्वविद्यालय से मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण ले सकते हैं जहां आपको अपना आवेदन फार्म भरना होगा।

निष्कर्ष:

हमारे इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि क्षेत्र  को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। किसान समुदाय को सशक्त बनाने एवं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सही और उचित जानकारी पहुंचाने की  हमारी पूरी कोशिश है। ऐसी ही खेती और कृषि ख़बरों को पढ़ने और जानने के लिए किसान वेदिका वेबसाइट लिंक https://kisanvedika.bighaat.com/  पर क्लिक करें। 

Recent Posts

सेलजल: आधुनिक कृषि के लिए जल अनुकूलन में क्रांतिकारी बदलाव

कृषि में दक्षता और उत्पादकता हमेशा महत्वपूर्ण होती है। कल्पना करें कि एक ऐसा समाधान…

January 28, 2025

एक्सस्केलेंट: टपक सफाई क्रियाविधि के माध्यम से खड़ी फसलों के लिए सुरक्षित समाधान

आज की खेती में, जल प्रबंधन का सही तरीका बहुत ज़रूरी है। टपक सिंचाई प्रणाली…

January 28, 2025

बायोकुलम ए डब्लू: फसल की स्थिरता के लिए उपयोग हेतु तैयार अपघटक

टिकाऊ कृषि के मूल में एक सरल किन्तु गहन अवधारणा निहित है: अपशिष्ट को धन…

January 28, 2025

एपिसेल: टिकाऊ कृषि के लिए फसलों की पूरी क्षमता का दोहन

आज के बदलते कृषि परिदृश्य में टिकाऊ और कुशल कृषि पद्धतियां खोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।…

January 28, 2025

सेलजल के साथ कृषि दक्षता को बढ़ाना: जल अनुकूलन और पी एच संतुलन के लिए सुझाव

कृषि में जल एक मूलभूत संसाधन है, जो फसल की वृद्धि और सुरक्षा के लिए…

January 28, 2025

“एक्सस्केलेंट: टपक सिंचाई प्रणाली की सफाई के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी समाधान”

टपक सिंचाई प्रणाली आधुनिक कृषि का एक अनिवार्य घटक बन गई है, जो पौधों की…

January 28, 2025