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देश के किसानों का समर्थन: संपन्न कृषि उद्योग के लिए सरकार के प्रयास

परिचय

भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के द्वारा कुल 22 कृषि फसलों के मूल्यों का समर्थन करने के लिए नीतियों की स्थापना की है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) तथा उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के समेत ये नीतियां ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ द्वारा निर्धारित की जाती हैं और इसका उद्देश्य पीएम-किसान, पीएमएफबीवाई, पीएमकेएसवाई जैसी योजनाओं और सुधारों के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है एवं कृषि के क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।

अवलोकन

भारत सरकार ने किसानों को उनके द्वारा उगाई जाने वाली फसलों से उचित मूल्य दिलाने में मदद करने के लिए नीतियां बनाई हैं। इन नीतियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एवं उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) कहा जाता है। भारत सरकार कई सरकारी एजेंसियों और अन्य महत्वपूर्ण कारकों के विचारों को ध्यान में रखते हुए 22 फसलों के मूल्यों को तय करती है। किसानों को उनकी जरूरत का समर्थन मिले यह सुनिश्चित करने के लिए है,  सरकार उनकी फसलों को भारतीय खाद्य निगम और अन्य राज्य एजेंसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती है। इसके अलावा, भारत सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए कई कार्यक्रमों और सुधारों को लागू किया है, जैसे पूरक आय हस्तांतरण देना, फसल बीमा प्रदान करना, सिंचाई तक पहुंच में सुधार करना और कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना आदि। 

भारत में किसान, सरकार द्वारा स्थापित इन नीतियों के प्राथमिक लाभार्थी हैं। भारत सरकार के खरीद कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को उनकी फसलों के मूल्यों के लिए समर्थन प्राप्त होता है। एम एस पी, सरकार द्वारा 22 फसलों के लिए निर्धारित किया गया है जो किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता करता है। इन नीतियों के द्वारा किसानों का समर्थन करने पर सरकार का ध्यान कृषि क्षेत्र को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे किसानों को अपनी फसलों से स्थायी जीवन यापन करने में मदद मिलती है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • भारत सरकार कुल 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) तय करती है।
  • सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के माध्यम से फसल खरीदती है।
  • भारत सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए कई कार्यक्रमों और सुधारों को लागू करती है, जैसे:
  • पीएम-किसान योजना के माध्यम से पूरक आय हस्तांतरण l
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत फसल का बीमा l
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के माध्यम से सिंचाई तक बेहतर पहुंच बनाना l
  • एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण करना l
  • कृषि एवं संबंधित क्षेत्र में ऋणों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)।
  • 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रोत्साहन देना l
  • टिकाऊ कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMSA) l
  • कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी को अपनाना l
  • मधुमक्खी पालन, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, नीली क्रांति, ब्याज अनुदान योजना, कृषि-वानिकी, पुनर्गठित बांस मिशन, आदि।
  • इन नीतियों और सुधारों का प्रमुख उद्देश्य कृषि क्षेत्र को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करना है, जिससे किसानों को अपनी फसलों से स्थायी जीवन यापन करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

भारत सरकार देश के कृषि क्षेत्र और किसानों का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। कुल 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य तय करने से लेकर पीएम-किसान, फसल बीमा और सिंचाई तक पहुंच जैसे आय में वृद्धि करने वाली योजनाओं को लागू करने तक, किसानों को वे संसाधन देना हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता है। सरकार के प्रयासों का उद्देश्य किसानों की आजीविका में सुधार करने के साथ उनके कार्य में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी योजनाओं के साथ, किसानों के पास जरूरी संसाधनों तक पहुंच है जो उनके काम एवं उत्पादन को और बेहतर बनाने में सहायता कर सकते हैं। किसानों और कृषि उद्योग का समर्थन करके भारत सरकार इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए एक स्थायी भविष्य सुरक्षित करने में सहायता कर रहा है। यह प्रयास किसानों को ये विश्वास दिलाता हैं कि उन्हें अपनी फसलें उगाने की जरूरत है, यह जानकर कि वे उन्हें उचित मूल्य पर बेचने में सक्षम होंगे और कृषि उद्योग की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। 

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