“आयुष” भारत सरकार का एक विभाग है जो आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, और होम्योपैथी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देता है। इसका प्रमुख उद्देश्य भारत के लोगों को समग्र और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों के साथ चिकित्सा की इन पारंपरिक प्रणालियों को एकीकृत करना है।
आयुष मंत्रालय कई योजनाओं के माध्यम से औषधीय पौधों के स्थायी प्रबंधन को प्रोत्साहन देता है। औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास एवं टिकाऊ प्रबंधन के लिए केन्द्रीय क्षेत्र की योजना संरक्षण, हर्बल उद्यान स्थापना, मूल्यवर्धन गतिविधियों और अनुसंधान एवं विकास के लिए परियोजना-आधारित सहायता प्रदान करती है। राष्ट्रीय आयुष मिशन खेती, पौधशाला की स्थापना, फसल कटाई के बाद के प्रबंधन एवं विपणन बुनियादी ढांचे के लिए सहायता प्रदान करती है। “राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड” किसानों के बीच खेती को बढ़ावा देने के लिए आईईसी गतिविधियों, पौधशाला और क्षेत्रीय सुविधा केंद्रों का समर्थन करता है। इन पहलों का उद्देश्य औषधीय पौधों के उपयोग को संरक्षित और प्रोत्साहित करते हुए समुदायों को आजीविका के अवसर प्रदान करना है।
राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड एवं आयुष मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली मदद से किसानों और जनजातियों को उनकी जमीन पर औषधीय पौधों की खेती करने, उच्च गुणवत्ता रोपण सामग्री के लिए पौधशाला स्थापित करने, फसल कटाई उपरांत फसल प्रबंधन, प्राथमिक प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढांचे में मदद मिल सकती है। इससे किसानों और जनजातियों को आय एवं आजीविका का अतिरिक्त स्रोत मिल सकता है। भारत सरकार द्वारा आयोजित सूचना, शिक्षा व संचार गतिविधियों, वर्कशॉप, सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को औषधीय पौधों, खेती के तरीकों और बाजार के अवसरों के महत्व पर शिक्षित किया जा सकता है। क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्रों की स्थापना से किसानों को औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों की गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री विकसित करने में वित्तीय और तकनीकी सहायता मिल सकती है। अर्थात कुल मिलाकर, इस पहल का उद्देश्य किसानों एवं अन्य जनजातियों को आय के अनेक स्रोत प्रदान करके, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करके और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देकर उन्हें लाभ पहुँचाना है।
भारत सरकार ने, आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के माध्यम से औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और टिकाऊ प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की है। ये योजनाएँ औषधीय पौधों के संसाधनों के सर्वेक्षण, संरक्षण और संवर्धन, हर्बल उद्यानों का निर्माण, मूल्यवर्धन गतिविधियों का समर्थन करने, किसानों के बीच प्राथमिकता वाले औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन देने एवं किसानों को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने के लिए परियोजना-आधारित सहायता पहुँचाती है। इन पहलों ने हजारों परियोजनाओं का समर्थन किया है, नर्सरी निर्मित की हैं, किसानों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की है साथ ही देश में हजारों किसानों को प्रशिक्षित किया है। इन प्रयासों से औषधीय पौधों की खेती में लगे किसानों के लिए आय के अवसरों में वृद्धि हुई है एवं उनकी आजीविका में सुधार हुआ है।
क्या आप एक व्यापक-स्पेक्ट्रम कवकरोधी और जीवाणुरोधी उपाय की तलाश में हैं जो झुलसा रोग…
पेश है ज़ायमो बगट्रोल, एक बहुउद्देशीय और प्रभावी कीट निवारक जो आपके पौधो को पोषण…
प्रस्तुत है ज़ाइमो ऑप्ट सुप्रा: सर्वोत्तम मृदा अनुकूलक, सूक्ष्म जैविकी उत्तेजक, और विकास बूस्टर, जो…
ज़ाइमो केन मैक्स आपकी गन्ने की फसल को सर्वोत्तम देखभाल देने के लिए तैयार है…
कृषि के क्षेत्र में, जहां कीटों और बीमारियों से लड़ना एक सतत संघर्ष है, ज़ाइमो…
ज़ाइमो ग्रेनरिच आर एस डब्ल्यू आर गेहूं और धान की फसलों की क्षमता को…