भारत सरकार ने संपूर्ण देश में प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) की शुरुआत की। कई संस्थाओं के माध्यम से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान कर रहा है और किसानों की सहायता के लिए एक डिजिटल पोर्टल (naturalfarming.dac.gov.in) तैयार किया है। सरकार, भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) योजना के द्वारा प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दे रहा है, जो प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
भारत सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा रहा है। प्राकृतिक खेती में फसलों को उगाने के लिए रसायनों और सिंथेटिक उत्पादों पर निर्भर रहने की जगह प्राकृतिक तरीकों और संसाधनों का उपयोग करना शामिल है। सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों के बारे में जानने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण एवं संसाधन प्रदान कर रही है। इसके अलावा, एक विशेष कार्यक्रम है जो इन प्रथाओं को अपनाने वाले किसानों को पैसा देता है। वह किसान जो प्राकृतिक खेती के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, सरकार ने उनके लिए एक वेबसाइट भी बनाई है l
एनएमएनएफ और बीपीकेपी योजना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। इन पहलुओं का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करना है, जो कि उन्हें कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है। इन प्राकृतिक तरीकों और संसाधनों का उपयोग करके, किसान फसलों को और अधिक टिकाऊ बना सकते हैं और संभावित रूप से लागत भी कम कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए प्रशिक्षण और संसाधनों से किसानों को प्राकृतिक कृषि तकनीकों के बारे में जानने समझने एवं उनके ज्ञान और कौशल में सुधार करने में भी सहायता मिलेगी। इसके अलावा, बीपीकेपी योजना के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहन, भाग लेने वाले किसानों के लिए वित्तीय लाभ दे सकते हैं। अतः कुल मिलाकर, यह समाचार उन किसानों के लिए एक सकारात्मक विकास है जो टिकाऊ और प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाना चाहते हैं।
एनएमएनएफ और बीपीकेपी योजना जैसे पहलुओं के द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के भारत सरकार के प्रयास किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम है। प्रशिक्षण, संसाधन, प्रोत्साहन और एक डिजिटल मंच प्रदान करके, सरकार किसानों के लिए स्थायी और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाना सरल बना रही है। इससे किसानों को कम लागत और अधिक स्थायी फसल उत्पादन सहित कई लाभ मिल सकते हैं। जो किसान प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाना चाहते हैं, उनके लिए यह समाचार स्वागत योग्य है और भारत में कृषि के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक अच्छा कदम है।
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