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भारत की पशुधन विविधता का संरक्षण: कृषि और पशुपालन में समृद्धि की ओर एक कदम

परिचय:

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि और पशुपालन क्षेत्र में समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भारत में बड़ी संख्या में स्वदेशी पशुधन नस्लों (Indigenous Livestock Breeds) की पहचान करने और उनका दस्तावेजीकरण करने की आवश्यकता पर बल दिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने अन्य एजेंसियों के सहयोग से देश में सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। हाल ही में, आईसीएआर द्वारा आयोजित एक समारोह में, 28 नई पंजीकृत नस्लों के लिए नस्ल पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिनमें मवेशी (Cattle), सुअर (Pig), भैंस (Buffalo), बकरी (Goat), कुत्ते (Dog), भेड़ (Sheep), गधे (Donkey) और बत्तख (Duck) की नस्लें शामिल हैं।

अवलोकन:

2019 से, DARE (कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग) सभी पंजीकृत नस्लों को पशुओं की इन नस्लों पर संप्रभुता का दावा करने के लिए राजपत्र में अधिसूचित कर रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कृषि और पशुपालन क्षेत्र में सतत विकास के लिए भारत की सांस्कृतिक और आनुवंशिक विविधता का संरक्षण महत्वपूर्ण है।

भारत में स्वदेशी पशुधन नस्लों की पहचान और प्रलेखन दुर्लभ और अद्वितीय नस्लों को विशेष गुणों के साथ संरक्षित करके, आनुवंशिक विविधता को बनाए रखने और प्रमुख नस्लों पर निर्भरता को कम करके किसानों को लाभान्वित कर सकते हैं। यह प्रजनन कार्यक्रमों के लिए एक वैज्ञानिक आधार भी प्रदान कर सकता है, जिससे उच्च उत्पादकता और आय अधिक हो सकती है, साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के रूप में स्वदेशी नस्लों के लिए मान्यता और मूल्य में वृद्धि हो सकती है। यह भारत में कृषि और पशुपालन क्षेत्र के सतत विकास में योगदान दे सकता है और किसानों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि और पशुपालन क्षेत्र की समृद्धि के लिए भारत में स्वदेशी पशुधन नस्लों की पहचान और दस्तावेजीकरण के महत्व पर अधिक बल देते हैं।
  • देश का लगभग 50% पशुधन अवर्गीकृत है और इन विशिष्ट नस्लों की पहचान उनके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • आईसीएआर (ICAR) ने राज्य विश्वविद्यालयों, पशुपालन विभागों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य एजेंसियों के सहयोग से सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
  • आईसीएआर द्वारा आयोजित पशु नस्ल पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरण समारोह में 28 नए पंजीकृत नस्ल प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
  • DARE (कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग) ने स्वदेशी नस्लों पर संप्रभुता का दावा करने के लिए 2019 में राजपत्र में सभी पंजीकृत नस्लों को अधिसूचित करना शुरू किया।
  • भारत के पशुधन और पोल्ट्री क्षेत्र को इसकी विविधता के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसके आनुवंशिक संरक्षण प्रयासों को खाद्य और कृषि संगठन (FAO) से अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है।

निष्कर्ष:

अंत में, कृषि और पशुपालन क्षेत्र के सतत विकास के लिए भारत में स्वदेशी पशुधन नस्लों की पहचान करना और उनका दस्तावेजीकरण करना महत्वपूर्ण है। यह न केवल भारत की सांस्कृतिक और आनुवंशिक विविधता के संरक्षण में योगदान देगा बल्कि किसानों को उनकी स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल अनूठी नस्लें प्रदान करके भी लाभान्वित करेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों (Universities), पशुपालन विभागों (Animal Husbandry Departments), गैर सरकारी संगठनों (NGOs) और अन्य एजेंसियों (Other Agencies) के सहयोग से सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करने के प्रयास इन स्वदेशी नस्लों के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। आईसीएआर (ICAR) द्वारा आयोजित पशु नस्ल पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरण समारोह में नस्ल पंजीकरण प्रमाण पत्र का वितरण इस लक्ष्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। भारत के पशुधन और पोल्ट्री क्षेत्र की आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करने के प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा पहले ही मान्यता दी जा चुकी है।

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