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सफलता के बीज बोना: बजट 2023-24 की प्रथम प्राथमिकता “कृषक “

  • वर्ष 2023-24 के बजट का उद्देश्य आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने एवं किसानों, गरीब लोगों, मध्यम वर्ग के लोगों, महिलाओं और युवाओं को अधिक लाभ पहुंचाना है।
  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला है, जिसमें शामिल हैं:
  • पीएम-किसान योजना के लिए कुल 60,000 करोड़ रुपये की राशि l
  • किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 23,000 करोड़ रुपये की राशि, जो 86 प्रतिशत छोटे किसानों को लाभ पहुंचाएगा l
  • बजट इन निम्न बातों पर भी ध्यान केंद्रित करता है:-
  • पशुपालन, डेयरी और मछली पालन के लिए कुल 20 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का लक्ष्य l
  • डिजिटल कृषि मिशन के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है l
  • प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान l
  • प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 459 करोड़ रुपये का प्रावधान l
  • प्राकृतिक खेती के लिए 3 वर्षों में 1 करोड़ किसानों की सहायता के लिए 10000 जैव इनपुट अनुसंधान केंद्र खोलने का प्रावधान रखा गया l
  • बजट में खाद्य और पोषण सुरक्षा को 1,623 करोड़ रुपए के आवंटन वृद्धि के साथ प्राथमिकता दी गई है।
  • बजट में 5 साल की अवधि के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ कृषि त्वरक कोष के माध्यम से कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है।
  • बजट में  बागवानी क्षेत्र के विकास को 2,200 करोड़ रुपये के बढ़े हुए आवंटन के साथ प्रोत्साहन दिया जाएगा ।
  • बजट 2023-24 का उद्देश्य आम लोगों को लाभान्वित करना और उनके जीवन में सुधार लाना है, इसके साथ:
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त राशन के लिए आवंटन बढ़ाया गया है l
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटन 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपये किया गया है l
  • रोजगार के अवसरों में वृद्धि एवं बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय खोलने का प्रावधान l
  • कोविड महामारी से प्रभावित हुए लघु एवं मध्यम उद्योगों को राहत मिलेगी।

जैसा कि बिगहाट के सह-संस्थापक और निदेशक सचिन नंदवाना से अपेक्षित था, नवीनतम केंद्रीय बजट ने कृषि क्षेत्र पर स्पष्ट जोर दिया है, जिसमें कृषि-स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दिया गया है। नवीनतम केंद्रीय बजट में उम्मीद के मुताबिक, कृषि क्षेत्र पर स्पष्ट जोर दिया है, जिसमें कृषि-स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह बजट अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) के साथ हुई हमारी चर्चाओं के अनुरूप है, इसमें एक व्यापक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के महत्व पर जोर दिया गया है। सरकार कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए युवा उद्यमियों को आकर्षित करके कृषि क्षेत्र को अगले स्तर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। और अधितम प्रयास कर रही है। वर्तमान अनुमानों के आधार पर, यह उम्मीद की जा रही है कि अगले तीन से चार वर्षों के अंदर कृषि-स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 10,000 हो जाएगी। इस वृद्धि का समर्थन करने के लिए, सरकार को कृषि-स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक युवा उद्यमियों को उत्प्रेरक निधि प्रदान करनी चाहिए। यह कृषि तकनीकी क्षेत्र की वृद्धि और विकास को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसके तहत  आने वाले दशकों में महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजरने की उम्मीद है।

योजना या क्षेत्र आवंटित बजट (रुपये करोड़)
एमएएफडब्ल्यू 1.25 Lakh
पीएम-किसान 60,000
केसीसी 23,000
पशुपालन हेतु कृषि ऋण 20 Lakh
डिजिटल कृषि पर 450
तकनीकी प्रचार 600
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा 459
नए एफपीओ 955
खाद्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा 1623
कृषि त्वरक कोष 500
बागवानी 2,200
पीएमएवाई 79,000

 

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