वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारतीय बजट में मत्स्य विभाग के लिए 2248.77 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण राशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 38.45 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने, ‘प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना’ (पीएम-एमकेएसएसवाई) नामक एक नई उप-योजना की घोषणा की, जिसका मुख्य उद्देश्य मछली पालन क्षेत्र में लोगों की आय में वृद्धि करना है। भारतीय बजट 2023-24 में प्राथमिक सहकारी समितियों के विकास, संस्थागत वित्त में वृद्धि, आयात शुल्क को कम करने और क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहन देने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
भारतीय केंद्रीय बजट 2023-24 में मत्स्य पालन विभाग को एक महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की है। मत्स्य विभाग के लिए 2248.77 करोड़ रुपये का आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में 38.45 प्रतिशत की समग्र वृद्धि को दर्शाता है एवं यह मत्स्य विभाग के लिए अब तक के सबसे अधिक वार्षिक बजटीय सहयोग में से एक है। पीएम-एमकेएसएसवाई नामक इस नई योजना में वित्त मंत्री ने 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश की घोषणा की, जिसका उद्देश्य मछुआरों, मछली विक्रेताओं के साथ-साथ मछली पकड़ने के उद्योग में छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों की आय में वृद्धि करना है। बजट भाषण में मत्स्य सहकारी समितियों के साथ प्राथमिक सहकारी समितियों के निर्माण और पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन सहित कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए ऋण लक्ष्य बढ़ाने पर जोर दिया गया। बजट संस्थागत ऋण, जोखिम कम करने के साधनों को बढ़ाकर और नवाचार और निर्यात को बढ़ावा देकर मछली पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास में मदद करेगा।
बजट 2023-24 में मत्स्य विभाग के लिए हुए धन आवंटन से मछुआरों और मछली पलकों को बहुत लाभ होगा। प्राथमिक सहकारी समितियों का निर्माण, मत्स्य सहकारी समितियों सहित, इस क्षेत्र के लिए एक औपचारिक संरचना प्रदान करेगा, किसानों को उत्पादन और कटाई के बाद की गतिविधियों को संगठित तरीके से करने के लिए सशक्त करेगा। एक नई उप-योजना, प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के प्रारम्भ होने से मत्स्य पालन उद्योग में मछुआरों, मछली डीलरों और सूक्ष्म और लघु व्यवसायों के राजस्व और आय में बढ़ोतरी होगी। इस योजना का उद्देश्य डिजिटल समावेशन, संस्थागत वित्त तक पहुंच और जलीय कृषि और मछली पालन में जोखिम को कम करने के लिए प्रोत्साहन सहित क्षेत्र का औपचारिक करण करना है। कुल मिलाकर, बजट 2023-24 संस्थागत ऋण के बेहतर प्रवाह, जोखिम कम करने के साधनों में वृद्धि, बाजार के विस्तार और गहनता के लिए प्रोत्साहन और नये विचारों के त्वरण के साथ मछली पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में विकास का एक नया चरण लाएगा।
बजट 2023-24, मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के लिए विकास का एक नया युग लाने का वादा करता है। मत्स्य विभाग को 2248.77 करोड़ रुपए का प्रावधान, जो की पिछले बजट की तुलना में 38.45% की वृद्धि दर्शाता है, यह मछुआरों, समुद्री भोजन विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु व्यवसायों की मजदूरी और आय को बढ़ावा देगा। नई उप-योजना, पीएम-एमकेएसएसवाई, इस क्षेत्र को औपचारिक रूप देगी और संस्थागत वित्त के प्रवाह में वृद्धि करेगी। सहकारी समितियों के निर्माण से मछुआरों और मछली किसानों को उत्पादन और फसल कटाई के बाद की गतिविधियों को करने में मदद मिलेगी। कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए ऋण लक्ष्य से भी इस क्षेत्र को लाभ पहुंचेगा। यह क्षेत्र अधिक ऊंचाई हासिल करने और वंचित समुदायों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए तत्पर है।
कॉर्टेवा रिवॉर्ड पॉइंट्स कार्यक्रम शुरू! ! हर धान किसान जानता है, जैसे ही फसल जमती है, खरपतवार…
प्र: Xscalent इस्तेमाल करते समय कोई सावधानी रखनी चाहिए? उ: Xscalent फसलों, मनुष्यों, मिट्टी और…
प्र: क्या Xscalent को विशेष रूप से स्टोर करना पड़ता है? उ: हाँ, इसे…
प्र: Xscalent इस्तेमाल करने के बाद स्केल का क्या होता है? उ: घुला हुआ…
प्र: Xscalent क्या है? उ: Xscalent एक विशेष मिश्रण है जिसमें चेलेटिंग एजेंट होते…
प्र: क्या एपिसेल को यूरिया के साथ मिला सकते हैं? उ: जी हां, एपिसेल…