धान की फसल के रोग: लक्षण, बचाव और रासायनिक समाधान
धान की खेती में विभिन्न प्रकार के रोग बड़ी बाधा बनकर सामने आते हैं। ये रोग उत्पादन में कमी, आर्थिक नुकसान और गुणवत्ता में गिरावट का कारण बनते हैं।
लक्षण:
पत्तियों पर धूसर केंद्र और भूरे किनारे वाले धारीदार, धब्बे धब्बे प्राय धुरीनुमा होते हैं।
रसायन
:
हेक्साकोनाजोल 5% EC, मैन्कोजेब 75% WP
1. धान में ब्लास्ट
लक्षण
:
पत्तियों की नोक से सफेद धारियाँ नीचे की ओर बढ़ती हैं।
रसायन
:
स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट 90% + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10% SP
2. जीवाणुजनित पत्ती झुलसा
लक्षण:
पत्तियों और बीजों पर गहरे भूरे धब्बे, धब्बों के चारों ओर पीले रंग की घेरा और अंकुरण में कमी।
रसायन
:
प्रोपीनेब 70% WP, मेटिराम 70% WG
3. भूरा धब्बा
लक्षण:
जल सतह के पास पत्तियों के आवरण पर हल्के हरे से भूरे धब्बे आगे चलकर ये धब्बे पूरे पौधे को संक्रमित कर देते हैं!
रसायन:
प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC
4. शीथ ब्लाइट
लक्षण
:
संक्रमित पौधों की लंबी व पतली टिलरें, पत्तियाँ पीली व कमजोर, पौधे आसानी से उखड़ जाते हैं।
रसायन
:
थायोफेनेट मिथाइल 70% WP
5. फुट रॉट/बकाने रोग
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