HomeCropबायोकुलम – जैविक कचरे के लिए तेज़ कम्पोस्टिंग कल्चर

बायोकुलम – जैविक कचरे के लिए तेज़ कम्पोस्टिंग कल्चर

प्र: बायोकुलम क्या है?
: बायोकुलम एक पाउडर रूप में कम्पोस्टिंग कल्चर है। 

प्र: बायोकुलम कैसे काम करता है?
: इसे जैविक कचरे और नमी में मिलाने पर सूक्ष्मजीव सक्रिय हो जाते हैं। ये ऑक्सीजन से कचरे को तोड़ते हैं, CO₂ छोड़ते हैं, नाइट्रोजन लेते हैं और तापमान 35–40°C तक बढ़ा देते हैं, जिससे कम्पोस्टिंग जल्दी होती है। 

प्र: बायोकुलम में क्या होता है?
: इसमें सूक्ष्मजीवों का समूह होता है, जो पाउडर बेस, भोजन और नमी के सहारे सक्रिय रहते हैं। 

प्र: बायोकुलम के फायदे क्या हैं?
: यह तैयारउपयोग उत्पाद है, खरपतवार के बीज और कीटों के अंडे खत्म करता है और 30–35 दिनों में कम्पोस्ट तैयार करता है। 

प्र: बायोकुलम का घोल कैसे बनाएं?
: इसे पानी में घोलकर अच्छी तरह हिलाएं। 

प्र: क्या बायोकुलम सीधे खेती के कचरे पर डाला जा सकता है?
: हां, इसे सीधे खेती के कचरे पर डाला जा सकता है। 

प्र: बायोकुलम का असर कितने दिनों में दिखेगा?
: 30–35 दिनों में। नमी 40% रखें और ढेर को समयसमय पर पलटें ताकि असर बराबर हो। 

प्र: बायोकुलम डालने के बाद ढेर को कितनी बार पलटना चाहिए?
: हफ्ते में एक बार। 

प्र: बायोकुलम की शेल्फ लाइफ कितनी है?
: 1 साल। 

प्र: बायोकुलम बाकी डीकम्पोज़रों से कैसे अलग है?
: यह तैयारउपयोग, तेज़ असर करने वाला और आसान प्रोडक्ट है। घोल बनाने पर 10 मिनट में सूक्ष्मजीव सक्रिय होकर काम करने लगते हैं। 

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