HomeCropटमाटर फसल में माहू (एफिड्स) कीट के लक्षण एवं सही प्रबंधन

टमाटर फसल में माहू (एफिड्स) कीट के लक्षण एवं सही प्रबंधन

भारत में टमाटर फसल की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फसल में माहू कीट का अधिक प्रकोप होता है जिस वजह से फसल के उत्पादन में भारी कमी आती है। ऐसे में अपनी फसल का माहू कीट से सही प्रबंधन करें, तो आपको अपनी फसल से मुनाफे के साथ – साथ अधिक और अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा। इसलिए आज जानेंगे टमाटर की फसलों को “माहू (एफिड्स)” कीट से कैसे बचाए, की सही जानकारी।

टमाटर फसल में माहू (एफिड्स) कीट के मुख्य लक्षण-:

सबसे पहले जानेंगे माहू कीट के मुख्य लक्षणों के बारे में-

  • इसका पहला लक्षण यह है कि माहु कीट निम्फ और वयस्क अवस्था में आमतौर पर पौधों के विकासशील भागों जैसे नई पत्तियों, तने, कलियों, फूलों और फलों से रस चूसते हैं। ​
  • दूसरा लक्षण है कि माहु जिन पौधों पर हमला करते हैं उन पौधों की शाखाएं, पत्तियां और तने ​मुड़ जाते हैं।
  • इसका तीसरा लक्षण यह है कि जब संक्रमण अधिक हो जाता है तो पौधे का विकास रुक जाता है एवं पत्ते पीले पड़ जाते हैं या विकृत हो जाते हैं और संक्रमित भागों में भूरापन आ जाता है।​
  • माहु द्वारा निकाला गया श्राव चींटियों को आकर्षित करता है, और यह चींटियां छोटे माहू को एक पौधों से दूसरे पौधे के ऊपर ले जाने का काम करती है।  ​
  • माहू द्वारा निकाला गया श्राव चिपचिपा होता है, जो काली फफूंदी के आक्रमण को बढ़ावा देता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को कम करता है।​

टमाटर फसल में माहू (एफिड्स) कीट का प्रबंधन:

टमाटर फसल को माहू (एफिड्स) कीट से बचाव के लिए अपने स्तर से निम्न त्तरीकों को अपनाएं-

  • मुख्य फसल के चारों ओर ऐसी फसलें लगएं जो माहू को अत्यधिक आकर्षित करती हों।
  • ऐसी फसलें या पौधे उगाये, जो सबसे ज्यादा परजीवियों को आश्रय देते हों ,जैसे कि लेडीबग्स, लेसविंग और परजीवी ततैया आदि, जो माहु को नष्ट करने में आपकी मदद करेंगे।​
  • खेतों को खरपतवार से मुक्त रखें क्योंकि माहु वहाँ पनाह ले सकते हैं।
  • चींटियां छोटे और बड़े माहु के परिवहन का साधन होती हैं। उन्हें मारकर उनकी आबादी पर नियंत्रण रखें।
  • खेतों में चिपचिपे जाल लगाएं इससे माहु को आकर्षित करने में कुछ मदद मिलेगी।

 रासायनिक प्रबंधन:

टमाटर में माहू कीट को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए आप निम्न रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं –

प्राइम गोल्ड ​कीटनाशक:

  • इसमें सक्रिय संघटक के रूप में एसिटामिप्रिड 20% होता है। 
  • यह एक अत्यधिक प्रभावी प्रणालीगत कीटनाशक है।

मात्रा: इसका उपयोग 20-40 ग्राम/एकड़​ की दर से करें। 

मार्शल ​कीटनाशक:

  • इसमें कार्बोसल्फान नामक रसायन 25% ईसी होता है।
  • यह एक व्यापक स्पेक्ट्रम कीटनाशक है।
  • यह विभिन्न प्रकार के चूसने और चबाने वाले कीटों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है। 

मात्रा: इसका उपयोग 320 – 400 मिली/एकड़​ की दर से करें।

टाटाफेन​ कीटनाशक:

  • यह फेनवलरेट 10% ईसी रसायन का सूत्रीकरण होता है।
  • यह संपर्क और कृत्रिम पायरेथ्रॉइड कीटनाशक है।
  • यह धूप से पौधों का बचाव करता है साथ ही कई चबाने, चूसने और छेद करने वाले कीटों के खिलाफ शीघ्र प्रतिक्रिया करता है।

मात्रा: इसका उपयोग 2.5 मिली/लीटर और 500 मिली/एकड़​ की दर से करें। 

निष्कर्ष:

टमाटर की फसल को माहू कीट से बचाव के लिए हमने आपसे सही जानकरी साझा की है। हमें उम्मीद है की यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। ऐसे ही फसलों से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारियां पाने  के लिए बिगहाट के यू टयूब चैनल “बिगहाट टीवी हिंदी” की https://www.youtube.com/channel/UC461wYTUWkbsSVvLQ4AhDLw?app=desktop  लिंक पर क्लिक करें एवं हमारे टोल फ्री नंबर 1800 3000 2434 पर मिस्ड कॉल करें।

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