वर्तमान समय में खेती के बाद पशुपालन किसानों के बीच एक सफल और लोकप्रिय व्यवसाय साबित हो रहा है। जी हाँ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पशुपालन क्षेत्र में पशुपालकों को हर महीने अपनी लागत से दोगुना मुनाफा प्राप्त होता है, लेकिन जितना यह व्यवसाय मुनाफेदार होता है उतना ही इसमें घाटा होने की कई संभावनाएं भी रहती है जैसे कि पशुओं का बीमार होना, उनकी मौत हो जाना, एवं पशुओं का शारीरिक रूप से विकलांग हो जाना इत्यादि। ऐसे में पशुपालकों की इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने “भामाशाह पशुधन बीमा योजना” को संचालित किया है। जिसके तहत भेड़, बकरी, गाय, भैंस आदि पशुओं की मृत्यु या अपंगता की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। तो यदि आप भी पशुपालन करते हैं तो जल्द ही उठायें इस योजना का लाभ।
योजना विवरण:
योजना का नाम: भामाशाह पशुधन बीमा योजना
योजना संशोधित: 10.10.2015
योजना निधि आवंटित: पशु बीमा प्रीमियम पर सब्सिडी
सरकारी योजना का प्रकार: राजस्थान राज्य सरकार
प्रायोजित / क्षेत्र योजना: पशु बीमा योजना
आवेदन करने के लिए वेबसाइट: https://rajasthan.gov.in/
श्रेणी | टिप्पणी |
बीमा के लिए | 10 छोटे जानवरों के लिए
5 बड़े जानवरों के लिए |
प्रीमियम योजना | सरकार द्वारा भुगतान किया गया 70% प्रीमियम
लाभार्थी द्वारा 30% |
गाय बीमा | 40,000 रुपये तक |
भैंस, भेड़, घोड़े, ऊंट आदि के लिए बीमा | 50,000 रुपये तक |
क्या है भामाशाह पशुधन बीमा योजना?
राजस्थान राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए पशुधन बीमा योजना का संचालन किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सभी सीमांत और पिछड़ी जाति के पशुपालकों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जाती है।
भामाशाह पशुधन बीमा योजना के लिए पात्रता:
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी के पास भामाशाह कार्ड होना आवश्यक है।
- वह किसान जो महात्मा गाधी नेशनल रूलर रोजगार गारंटी एक्ट 2005 के अंतर्गत आने वाले परिवारों में आते हैं।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को इस योजना के अंतर्गत 80% तक अनुदान प्रदान किया जाता है।
कितना बीमा कवर मिलता है:
- इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और बीपीएल कार्ड धारक को भैंस का बीमा करवाने पर 413 रुपये का प्रीमियम भरना होता हैं,जिसमें पशुपालकों को 50,000 रूपए का बीमा कवर प्रदान किया जाता है और यदि आप 3 साल का बीमा करवाते हो तो आपको 1052 रुपए प्रीमियम भरना होगा।
- वहीँ गाय का बीमा करवाने पर 330 रूपए का प्रीमियम भरना होता है जिसमें, 40,000 रूपए का बीमा कवर प्रदान किया जाता है, यदि आप 3 साल का बीमा करवाते हो तो आपको 1402 रुपए प्रीमियम भरना होगा
योजना के तहत कैसे करें दावा:
- इसके लिए सबसे पहले पशु की मौत होने पर आपको बीमा कंपनी को कॉल अथवा एसएमएस के जरिये जानकारी देनी होगी।
- इसके बाद बीमा कंपनी को आप बीमा पॉलिसी की फोटो कॉपी उपलब्ध कराएंगे।
- जिसके बाद आपको क्लेम फॉर्म भरकर बीमा कंपनी में जमा करना होगा।
- फार्म के साथ सभी दस्तावेज़ जैसे मृत्यु प्रमाणपत्र, पशु चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम करते हुए फोटो एवं टैग के साथ लिया गया पशु का फोटो जमा करना होगा।
भामाशाह पशु बीमा योजना की खमियां
- राजस्थान भामाशाह पशु बीमा योजना पशुपालक किसानों के लिए एक अच्छी योजना है, लेकिन इसमें बड़े आकार वाले किसानों के लिए केवल 5 और छोटे आकार के जानवरों के लिए 10 पशु शामिल हैं। यह उन लोगों के लिए बहुत मददगार नहीं होगा जिनके पास 10 या सैकड़ों से अधिक जानवर हैं। बीमा 5 या 10 पर तय होता है। इससे छोटे किसानों को ही फायदा होगा।
- एक ही खेत में कई जानवरों को पालने वालों का भी यही हाल है। आपदा या महामारी में नुकसान बहुत बड़ा होगा। इस भामाशाह पशु बीमा योजना में सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए कुछ सुधारों की आवश्यकता होगी।
- जबकि सरकार प्रीमियम राशि का एक बड़ा हिस्सा वहन करती है, वाहक को 15% सेवा कर का भुगतान करना चाहिए, जो सब्सिडी वाली राशि का हिस्सा नहीं है।
कैसे करें आवेदन:
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले इसकी आधिकारिक लिंक https://rajasthan.gov.in/ पर क्लिक करें।
- इसके बाद भामाशाह पशु बीमा योजना का एप्लिकेशन फॉर्म डाउनलोड करें।
- उसके बाद फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारियाँ ध्यानपूर्वक भरें।
- अब सभी मांगे गए दस्तावेज़ों को संलग्न करें।
- इसके बाद इस फॉर्म को अपने नजदीकी पशु चिकित्सा अधिकारी के पास जमा करें।
जरुरी दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- बैंक खाते की फोटो कॉपी
- पशु की फोटो बीमा टैग के साथ
- बीपीएल कार्ड की फोटो कॉपी
- भामाशाह कार्ड की फोटो कॉपी
- अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के आवेदकों का जाति प्रमाण पत्र।
निष्कर्ष:
हमारे इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। किसान समुदाय को सशक्त बनाने एवं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सही और उचित जानकारी पहुंचाने की हमारी पूरी कोशिश है। ऐसी ही खेती और कृषि ख़बरों को पढ़ने और जानने के लिए किसान वेदिका वेबसाइट लिंक https://kisanvedika.bighaat.com/ पर क्लिक करें।