HomeCropएपिसेल: टिकाऊ कृषि के लिए फसलों की पूरी क्षमता का दोहन

एपिसेल: टिकाऊ कृषि के लिए फसलों की पूरी क्षमता का दोहन

आज के बदलते कृषि परिदृश्य में टिकाऊ और कुशल कृषि पद्धतियां खोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहीं पर एपिसेल किसानों के लिए उपयोगी साबित होता है। एक्सेल इंडस्ट्रीज का यह अभिनव जैव-उत्तेजक फसल की देखभाल में क्रांति लाने के लिए तैयार है। एपिसेल न केवल पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है, बल्कि पर्यावरणीय तनावों के विरुद्ध उन्हें मजबूत बनाता है और मृदा स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह आधुनिक खेती के लिए एक आवश्यक समाधान है।

उत्पाद संरचना:

ह्युमिक एसिड एपिसेल का एक प्रमुख घटक है, जो जैव उत्तेजक के रूप में इसकी प्रभावशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ह्युमिक एसिड एक प्राकृतिक कार्बनिक पदार्थ है, जो पौधों और जैविक पदार्थों के अपघटन से बनता है। इसमें कार्बन प्रचुर मात्रा में होता है और इसके कई उपयोगी कार्यात्मक समूह होते हैं, जैसे कार्बोक्सिल, फेनोलिक और हाइड्रॉक्सिल समूह, जो इसकी प्रतिक्रियाशीलता और पौधों के लिए लाभकारी प्रभाव में योगदान करते हैं।

 

एपिसेल की कार्यविधि:

एपिसेल मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को पौधों के लिए उपलब्ध बनाता है, जड़ों की वृद्धि को तेज करता है, और मृदा स्वास्थ्य को बेहतर करता है। यह पौधों को वानस्पतिक और प्रजनन दोनों प्रकार के विकास के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप, पौधे स्वस्थ होते हैं, उपज में वृद्धि होती है, और खेती अधिक टिकाऊ बनती है।

एपिसेल के फायदे:

एपिसेल एक बहुमुखी जैव-उत्तेजक है, जो मिट्टी की उत्पादकता को औसतन 20% तक बढ़ा सकता है। इसके प्रभाव लगभग 75 दिनों तक सक्रिय रहते हैं, जिससे यह किसानों के लिए अधिक लाभकारी साबित होता है। किसानों ने इसकी उपयोगिता को विभिन्न फसलों में प्रभावी पाया है।

  • जड़ और प्ररोह विकास में सुधार: एपिसेल सफेद, स्वस्थ जड़ों का विकास बढ़ाता है, जो पोषक तत्वों और पानी के अवशोषण को बेहतर बनाती हैं। यह तनों और शाखाओं की वृद्धि को भी बढ़ावा देता है।
  • बेहतर पत्ती गुणवत्ता: एपिसेल मोटी, चपटी और लचीली पत्तियों का निर्माण करता है, जो प्रकाश संश्लेषण को अधिक कुशल बनाती हैं। इससे पौधों को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • उन्नत तनाव प्रतिरोध: एपिसेल जैविक (कीट और रोग) और अजैविक (सूखा, लवणता, तापमान) तनावों के खिलाफ पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह पौधों को कठिन परिस्थितियों में भी स्वस्थ रखता है।
  • संतुलित विकास सहायता: एपिसेल पौधों के वानस्पतिक और प्रजनन दोनों चरणों का समर्थन करता है। यह मजबूत तने, हरी-भरी पत्तियां, और स्वस्थ जड़ें विकसित करता है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले फूल और फल प्राप्त होते हैं।
  • आर्थिक लाभ: एपिसेल के उपयोग से फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है। कम कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता होने से लागत भी कम होती है।

फसल अनुकूलता:

एपिसेल विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त है, जो विभिन्न कृषि पद्धतियों में इष्टतम विकास और उपज सुनिश्चित करता है।

  • सब्ज़ियाँ: इसमें आलू, टमाटर, मिर्च, अदरक आदि जैसी अनेक प्रकार की सब्ज़ियां शामिल हैं। एपिसेल पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे पौधे स्वस्थ और अधिक उत्पादक बनते हैं।
  • फल: अंगूर, अमरूद, चीकू, खट्टे फल, आम, अनार, शरीफा, केला, सेब, नारियल आदि। एपिसेल फलों के आकार, गुणवत्ता और स्वाद में सुधार करता है, जिससे बेहतर और पौष्टिक फसल मिलती है।
  • मुख्य फसलें: इसमें कपास, धान, ज्वार, सूरजमुखी, मूंगफली, आलू, सरसों, जीरा और अन्य प्रमुख फसलें शामिल हैं। एपिसेल तीव्र विकास, बेहतर पुष्पन और पर्यावरणीय तनावों के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदान करता है।
  • बाग़ान फसलें: इलायची, चाय, कॉफी, फूलों की खेती, घरेलू बागवानी, औषधीय पौधे आदि। यह मिट्टी की उर्वरता और सूक्ष्मजीवी गतिविधियों को बढ़ाता है, जो दीर्घकालिक फसल स्वास्थ्य और उपज के लिए आवश्यक है।

मात्रा:

रोपाई के तीन सप्ताह बाद या बीज रोपण के दो सप्ताह बाद, टपक सिंचाई या ड्रेंचिंग विधि से 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एपिसेल का प्रयोग करें।
फसल की आवश्यकताओं और अवधि के आधार पर, दूसरे आवेदन की सलाह दी जाती है।

आवेदन की विधि एवं समय:

  • टपक सिंचाई: सीधे जड़ क्षेत्र तक खुराक को सटीक और कुशलता से पहुंचाता है।
  • गीला करना: मिट्टी को पूरी तरह से भिगो देता है, जिससे गहरी पैठ सुनिश्चित होती है।
  • छिड़काव विधि: बड़े क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, यह पूरे खेत में समान वितरण सुनिश्चित करता है।
    एपिसेल को टपक प्रणाली, ड्रेंचिंग, या छिड़कने के लिए दानेदार उर्वरकों के साथ भी मिला सकते हैं।

अन्य उत्पादों के साथ संगतता:

एपिसेल को अत्यधिक बहुमुखी बनाया गया है और इसका उपयोग कृषि उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ किया जा सकता है।
यूरिया को छोड़कर, यह विभिन्न उर्वरकों, कीटनाशकों, शाकनाशियों और पौध वृद्धि नियामकों के साथ संगत है।
यूरिया के साथ मिश्रण करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि एपिसेल के संपर्क में आने पर यूरिया कण द्रवीभूत हो जाते हैं।
यूरिया हाइग्रोस्कोपिक है, अर्थात यह हवा से नमी सोख लेता है।

भंडारण और स्वजीवन:

  • भंडारण: सीधे सूर्य की रोशनी से बचाते हुए, सूखी और ठंडी जगह पर रखें।
  • स्वजीवन: मूल सीलबंद पैक में रखने पर, विनिर्माण की तारीख से 2 वर्ष तक।

निष्कर्ष:

एपिसेल एक प्रभावी जैव-उत्तेजक है, जो फसल की उत्पादकता और लचीलेपन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह मिट्टी में मौजूद स्थिर पोषक तत्वों को पौधों के लिए सुलभ बनाकर, पौधों की वृद्धि और उपज में औसतन 20% की वृद्धि करता है।
इसके बहुमुखी उपयोग और अन्य फसलों एवं उत्पादों के साथ इसकी अनुकूलता इसे आधुनिक खेती के लिए एक अनिवार्य उपकरण बनाती है।
एपिसेल के साथ, किसान स्वस्थ पौधे, बेहतर उपज और अधिक टिकाऊ कृषि पद्धतियां अपना सकते हैं।

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