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एकीकृत बागवानी विकास मिशन

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी l इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में बागवानी क्षेत्र का समग्र रूप से विकास करना है जिसमें फल, सब्जियां, जड़ और कंदीय फसलें, मशरूम, सुगंधित पौधे, मसाले, फूल, नारियल, काजू, कोकोआ और बांस आदि शामिल हैं। यह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है जिसे हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना के अंतर्गत लागू किया गया है।

योजना का अवलोकन:

  • योजना का नाम: एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) योजना l 
  • योजना की शुरुआत तिथि: 01.04.2014
  • योजना की आवंटित निधि: वार्षिक बजट के अनुसार l 
  • सरकारी योजना का प्रकार: केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित l
  • क्षेत्र योजना: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय l
  • आवेदन करने के लिए वेबसाइट: https://midh.gov.in/
  • हेल्पलाइन नंबर: एनए 

विशेषताएँ:

एमआईडीएच के अंतर्गत विभिन्न उप-योजनाएं:

 

क्र.सं उप-योजना लक्षित समूह/कार्यक्षेत्र प्रारंभ होने का वर्ष
नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी)  सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जहां नारियल की खेती की जाती है  1981
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) व्यावसायिक बागवानी पर ध्यान केंद्रित कर रहे सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश 1984
पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्य बागवानी मिशन (एचएमएनईएच) पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्र के सभी राज्य 2001 – 02
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्र के राज्यों को छोड़कर सभी राज्य एवं  केंद्र शासित प्रदेश 2005 – 06
केन्द्रीय बागवानी संस्थान (सीआईएच)  पूर्वोत्तर राज्य मानव संसाधन विकास एवं क्षमता निर्माण पर ध्यान दे रहे है 2006 – 07
राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) सभी राज्य एवं  केंद्रशासित प्रदेश 2006 – 07

 

फंडिंग पैटर्न:

श्रेणी टिप्पणी
वित्तीय सहायता सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत का 35% तथा पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में प्रति लाभार्थी 50% फसल कटाई पश्चात बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए उपलब्ध है।
फंडिंग पैटर्न केंद्र एवं राज्य के लिए 60:40, हिमालयी और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 90:10, एनएचबी, सीडीबी, सीआईएच, एनबीएम, भारत सरकार (जीओआई) के मामले में 100% योगदान देता है।

 

लाभ:

  • यह योजना क्षेत्र आधारित क्षेत्रीय रूप से अलग-अलग रणनीतियों के माध्यम से, बांस और नारियल सहित बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देती है, जिसमें अनुसंधान, प्रौद्योगिकी संवर्धन, विस्तार, कटाई उपरांत प्रबंधन, प्रसंस्करण और विपणन आदि शामिल हैं l
  • स्तर और कार्यक्षेत्र की अर्थव्यवस्था लाने के लिए किसानों को एफआईजी/एफपीओ और एफपीसी जैसे किसान समूह बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है l
  • यह योजना बागवानी उत्पादन में वृद्धि, किसानों की आय में वृद्धि और पोषण सुरक्षा को मजबूत करती है l
  • सूक्ष्म सिंचाई द्वारा गुणवत्तापूर्ण जर्मप्लाज्म, रोपण सामग्री एवं जल उपयोग दक्षता के साथ बागवानी उत्पादों की उत्पादकता में सुधार करना है l
  • यह योजना मुख्य रूप से कोल्ड चेन क्षेत्र में बागवानी और कटाई उपरांत प्रबंधन में ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के सुअवसर प्रदान करती है l
  • यह योजना केसर मिशन एवं अन्य बागवानी संबंधी गतिविधियों के लिए राज्य सरकारों/राज्य बागवानी मिशनों (एसएचएम) को तकनीकी सलाह व प्रशासनिक सहायता प्रदान करती है l

योजना के बारे में ताजा खबर:

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए एमआईडीएच के योजना घटक पर कुल खर्च 1900 करोड़ रुपये और एमआईडीएच के गैर योजना घटक पर कुल 14.38 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया गया है।

चुनौतियाँ:

बागवानी क्षेत्र अभी भी विभिन्न पहलुओं में कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है जैसे फसल कटाई उपरांत होने वाला एक बड़ा नुकसान, फसल कटाई उपरांत किया जाने वाला प्रबंधन और आपूर्ति श्रृंखला अवसंरचना में अंतराल आदि।

कैसे करें आवेदन:

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान या उद्यमी को आवेदन करने के लिए अपना विवरण या तो होर्टनेट पोर्टल में ऑनलाइन के माध्यम से या आवश्यक दस्तावेजों के साथ एचओ के माध्यम से डीएचएसओ कार्यालय में आवेदन जमा कर करा सकते है l

निम्नलिखित स्टेप्स आपको होर्टनेट पोर्टल में लाभार्थी के रूप में पंजीकरण करने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन करेंगी –

  1. अपने ब्राउज़र में https://hortnet.gov.in/ लिंक को खोलें। अब होर्टनेट पोर्टल का मुख्य पृष्ठ खुलेगा l 
  2. राज्य के नाम पर क्लिक करें और एसएचएम होम पेज प्राप्त करने के लिए अपने राज्य का चयन करें l 
  3. अब सिस्टम में लॉगिन करने के लिए अगला ‘विभाग उपयोगकर्ता लॉगिन’ विकल्प पर क्लिक करें l 
  4. ‘न्यू यूजर रजिस्ट्रेशन’ विकल्प पर क्लिक करें l 
  5. अब पंजीकरण करने के लिए फॉर्म में पूछी गई जानकारी यानी नाम, संपर्क विवरण, पता, भूमिका और लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करें l 
  6. फिर लॉगिन करने के लिए अपनी नई लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करें। इसके बाद किसान पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा l 
  7. किसान ऑनलाइन आवेदन पत्र में उल्लिखित विवरण (आवेदक, पता, भूमि, बैंक और घटक विवरण) भरें और सबमिट बटन पर क्लिक करें l 
  8. फॉर्म के सफलतापूर्वक जमा होने पर, आपको अपने आवेदन की रसीद प्राप्त होगी जिसमें आपकी यूनिक-आईडी होगी l 
  9. आपके आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने के लिए आपकी पंजीकरण संख्या / लाभार्थी संख्या की आवश्यकता होगी l 
  10. दिए गए प्रिंट बटन पर क्लिक करके आप रसीद का प्रिंट आउट ले सकते है l 
  11. इसके बाद, आप अपना ‘किसान पहचान पत्र’ प्रारूप देख सकते हैं जिसमें आपके मूल विवरण, भूमि और संपर्क विवरण उपलब्ध होगा l 
  12. अब आप अपनी पंजीकरण संख्या या लाभार्थी संख्या दर्ज करके ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते है। शिकायत दर्ज होने पर संबंधित अधिकारी को एक ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा।
  13. आप अपनी यूनिक-आईडी का उपयोग करके दर्ज की गई शिकायत को ट्रैक भी कर सकते है l 

आवश्यक दस्तावेज:

  • बैंक पासबुक
  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड / पैन कार्ड)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • आवास प्रमाण पत्र
  • भूमि दस्तावेज

निष्कर्ष:

एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना का उद्देश्य बागवानी उत्पादन को बढ़ाना, किसानों की आय में बढ़ोतरी करना, पोषण सुरक्षा को मजबूत करना है, इसके साथ ही सूक्ष्म सिंचाई द्वारा गुणवत्तापूर्ण जर्मप्लाज्म, रोपण सामग्री एवं जल उपयोग दक्षता के साथ बागवानी उत्पादों की उत्पादकता में सुधार करना है l

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