देश में पशुपालन क्षेत्र एवं डेयरी क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा केंद्र सरकार ने साल 2014 में राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना (NPDD) शुरू की। इस योजना के तहत पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, देश स्वच्छ दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा एवं डेयरी सहमति समितियों को मजबूत प्रणाली प्राप्त होगी।
योजना अवलोकन:
- योजना का नाम: राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)
- योजना का शुभारंभ: यह योजना 2014 में शुरू की गई थी
- योजना पुनर्गठित: जुलाई 2021
- आवंटित बजट: 1790 करोड़ रुपये
- कार्यान्वयन: पशुपालन और डेयरी विभाग
- के माध्यम से कार्यान्वित: राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) – राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन
- सरकारी योजना का प्रकार: केंद्र सरकारी योजना
- प्रायोजित/सेक्टर योजना: सेक्टर योजना
- आधिकारिक लिंक: http://www.nddb.coop/
उद्देश्य:
- उच्च गुणवत्ता वाले दूध के उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुधार करना, जिसमें उत्पादकों और उपभोक्ताओं को जोड़ने वाली कोल्ड-चेन बुनियादी ढांचे की स्थापना भी शामिल है।
- डेयरी किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना और वर्तमान प्रशिक्षण सुविधाओं को उन्नत करना।
- ग्रामीण स्तर पर उत्पादक कंपनियों और डेयरी सहकारी समितियों को मजबूत करना।
- सफलता की संभावना के साथ दुग्ध संघों और महासंघों में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना।
विशेषताएँ:
- राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना (NPDD) किसानों और डेयरी क्षेत्र को विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ और लाभ प्रदान करती है।
- सहकारी समितियों के माध्यम से डेयरी (DTC) को जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) से वित्तीय सहायता मिलती है –
- आवश्यक बुनियादी ढांचे में सुधार की।
- गांव में किसानों द्वारा उगाई गयी उपज के लिए बाजार तक पहुँच प्रदान करना।
- गांव से राज्य स्तर तक हितधारक संस्थानों की क्षमता निर्माण को मजबूत करना।
लाभ:
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) किसानों और डेयरी क्षेत्र को विभिन्न लाभ प्रदान करता है, जिनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं:
- दुधारू पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि।
- स्वच्छ दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना।
- डेयरी सहकारी समितियों का सुदृढ़ीकरण करना।
- दूध की गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार होना।
- रोजगार के अवसरों का सृजन होना।
- किसानों की आय में वृद्धि होना।
खामियां:
- केवल कुछ ही डेयरी किसान NPDD के दायरे में आते हैं, जिससे कई अन्य किसानों को कार्यक्रम का लाभ नहीं मिल पाता है।
- यह योजना बड़े डेयरी किसानों को प्राथमिकता देती है जबकि छोटे किसानों की जरूरतों को नजरअंदाज करती है, जो भारत में डेयरी उद्योग का बड़ा हिस्सा हैं।
- NPDD किसानों को पर्याप्त ऋण सुविधाएं प्रदान नहीं करता है, जिससे उनके लिए अपने परिचालन में निवेश करना और उत्पादन बढ़ाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
- यह योजना किसानों को पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान नहीं करती है, जिससे उनके लिए नई तकनीकों और प्रथाओं को अपनाना मुश्किल हो जाता है।
आवेदन कैसे करें:
चरण 1: पशुपालन और डेयरी विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2: NPDD योजना के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड करें।
चरण 3: पूछी गयी सभी जानकारियां ध्यानपूर्वक भरें।
चरण 4: आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, जैसे अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाता विवरण संलग्न करें।
चरण 5: संलग्न दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र को जिला पशुपालन अधिकारी या डेयरी विकास अधिकारी जैसे नामित अधिकारियों को जमा करें।
चरण 6: अधिकारी आवेदन और दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे और आवेदन पर आगे की प्रक्रिया करेंगे।
चरण 7: यदि आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो सब्सिडी या ऋण राशि लाभार्थी के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी
आवश्यक दस्तावेज़:
- पहचान प्रमाण
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक के खाते का विवरण
- दुधारू पशुओं के स्वामित्व दस्तावेज
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) भारत में डेयरी क्षेत्र के लिए एक लाभकारी योजना है, जो दुधारू पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने और स्वच्छ दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान करती है। यह योजना डेयरी क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने और किसानों की आय में सुधार करने में सफल रही है।