मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना का हिस्सा है। यह किसानों को मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की पूरी सूची प्रदान करता है। यह योजना मृदा की उत्पादकता और आय में वृद्धि के लिए उचित कृषि पद्धतियों और मृदा प्रबंधन तकनीकों को बढ़ावा देती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता और आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए पढ़ें इस लेख को पूरा।
योजना विवरण
योजना का नाम: मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
योजना संचालित: 19 फरवरी, 2015
योजना निधि आवंटित: लागू नहीं
सरकारी योजना का प्रकार: केंद्र सरकार
प्रायोजित / क्षेत्र योजना: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
आवेदन करने के लिए वेबसाइट: soilhealth.dac.gov.in
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की विशेषताएँ:
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों और उनकी भूमि के लिए दीर्घकालिक लाभ दिखाने वाली एक अद्भुत पहल है। नीचे दी गई तालिका में इस योजना के बारे में अधिक जानकारी देखें।
श्रेणी | टिप्पणी |
योजना के लिए कौन पात्र | भारत के किसी भी राज्य के सभी किसान। |
योजना में क्या शामिल है? | मृदा पोषक तत्व रिपोर्ट मृदा पीएच, जैविक कार्बन सामग्री, विद्युत चालकता, पोटैशियम, नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, बोरोन, जस्ता, तांबा, लोहा और मैंगनीज सभी पोषक तत्व का विवरण देता है। |
कितनी बार इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं | हर 3 साल में एक बार मृदा परीक्षण कार्ड जारी किया जाता है। |
मिट्टी का नमूना कौन लेगा? | राज्य सरकार के प्रतिनिधि |
शुल्क क्या है? | 190 रुपये जिसमें संग्रह, नमूनाकरण, परीक्षण और कार्ड जारी करने से लेकर सभी खर्च शामिल हैं। |
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लाभ:
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड के साथ, किसानों को एक नियमित मिट्टी पोषक तत्व रिपोर्ट और एक विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होगी जिसमें यह बताया जायेगा कि उनकी भूमि के विशेष पोषक तत्व संयोजन के लिए कौन सी फसल किस मौसम के लिए उपयुक्त होगी।
- किसानों को अपनी मिट्टी के बारे में स्पष्ट जानकारी होगी, जिससे वे मिट्टी की रूपरेखा के अनुसार उपयुक्त फसल का चयन कर सकते हैं।
- किसानों को जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं।
- वे विभिन्न मृदा प्रबंधनों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जो उन्हें इस अवधि में मृदा प्रोफाइल में सुधार करने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा।
- इसके माध्यम से मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की कमी है, इसका पता चलेगा जिससे, किसानों को केवल उन्हीं की आपूर्ति करने की जरूरत होती है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की खामियां:
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड 3 वर्ष में केवल एक बार विवरण प्रदान करता है, जिससे इन वर्षों में किस पोषक तत्वों की कमी आएगी इसका सही व्योरा नहीं प्राप्त हो सकेगा।
- यदि प्राकृतिक आपदाओं या अन्य पर्यावरणीय कारकों ने क्षेत्र की जलवायु को बाधित किया है तो विवरण गलत हो सकते हैं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
- हालांकि राज्य सरकार के अधिकारी मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करते हैं,परन्तु किसान निकटतम मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में जा कर अपना कार्ड बनवा सकते हैं।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और संबंधित लिंक पर क्लिक करें और किसान पोर्टल चुनें .
- आपको संबंधित पोर्टल पर पुन :निर्देशित किया जाएगा।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड टैब चुनें।
- ‘मृदा परीक्षण प्रयोगशाला’ का चयन करें, जहां आप सभी राज्यों को प्रदर्शित देखेंगे। प्रत्येक राज्य में एक विवरण बटन होगा जो आगे की जानकारी प्रकट करेगा।
- अपने राज्य के सामने संबंधित बटन पर क्लिक करें।
- अब आपके पास राज्य में उपलब्ध सभी प्रयोगशालाओं का विवरण होगा। जो आपके करीब हो उसे नोट कर लें।
- अपने खेत से मिट्टी का नमूना लें, और अधिकारियों को रिपोर्ट के लिए भेज दें।
- आपको रिपोर्ट भेजी जाएगी, या आप इसे किसान पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए सॉइल टेस्टिंग लेबोरेटरी की जगह डाउनलोड एसएचसी चुनें।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज:
मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करने के लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। आपको इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और भविष्य में उपयोग के लिए उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड सहेज कर रखना चाहिए। जब आप अपनी मिट्टी का नमूना जमा करेंगे तो आपको एक नमूना आईडी मिलेगी। उसको याद रखें।
निष्कर्ष:
हमारे इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। किसान समुदाय को सशक्त बनाने एवं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सही और उचित जानकारी पहुंचाने की हमारी पूरी कोशिश है। ऐसी ही खेती और कृषि ख़बरों को पढ़ने और जानने के लिए किसान वेदिका वेबसाइट लिंक https://kisanvedika.bighaat.com/ पर क्लिक करें।