भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी हुई है। भारतीय किसान खेती के साथ – साथ पशुपालन व्यवसाय में भी रुचि रखते हैं। क्योंकि यह ग्रामीण युवाओं एवं भारतीय किसानों के लिए अच्छा रोजगार एवं आमदनी का जरिया प्रदान करता है। वहीँ केंद्र सरकार भी किसानों एवं पशुपालकों की आमदनी को बढ़ाने के लिए तरह – तरह की योजनाओं को संचालित करती है। इसी क्रम में पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रिय कामधेनु योजना को शुरू किया है। जिससे देश में अधिक से अधिक मात्रा में दूध व अन्य डेयरी उत्पादों का निर्माण हो एवं ग्रामीण युवाओं को नए रोजगार के साधन प्राप्त हों।
योजना विवरण:
योजना का नाम: राष्ट्रिय कामधेनु योजना
योजना संचालित: 2021-22
योजना हेतु आवंटित कार्यान्वित राशि: 750 करोड़ रुपये का प्रावधान
सरकारी योजना का प्रकार: भारत की केंद्र सरकार
आवेदन करने के लिए वेबसाइट: http://kamdhenu.gov.in/
हेल्पलाइन नंबर: (011) 2587-1187 / 2587-1107
क्या है राष्ट्रीय कामधेनु योजना:
केंद्र सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के माध्यम से जो किसान पशुपालन करना चाहते है, उन्हें लोन की सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से लोन के ब्याज पर 2 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है, तथा प्राकृतिक आपदा आने पर किसानों को हानि से बचाने के लिए ब्याज पर 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाती है। इस तरह कुल मिलाकर किसान को लोन के ब्याज पर 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय कामधेनु योजना की विशेषताएं:
राष्ट्रीय कामधेनु योजना नवीनतम टिकाऊ तकनीकों के माध्यम से मवेशियों की नस्ल को संरक्षित करने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक आगामी योजना है। यह परियोजना 2021-22 से 2027 तक लागू रहेगी। यह परियोजना डेयरी किसानों को 50 गायों तक के नए फार्म शुरू करने और आईवीएफ के माध्यम से प्रजनन के लिए सब्सिडी प्राप्त करने में मदद करेगी।
श्रेणी | टिप्पणी |
किसके लिए योजना | छोटे डेयरी फार्म वाले किसान, महिलाएं और युवा |
अनुदान राशि |
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कितना लोन मिलता |
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पात्रता |
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राष्ट्रीय कामधेनु योजना के लाभ:
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग योजना से छोटे डेयरी किसानों और अन्य एजेंसियों को लाभ होगा जो गोजातीय प्रजनन कर रहे हैं।
- यह योजना मवेशियों में उच्च आनुवंशिक जननद्रव्य की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।
- यह राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन को लागू करने में मदद करता करती है और कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क को बढ़ावा देता देती है।
- किसानों के बीच इन तकनीकों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करती है।
- यह गोजातीय प्रजनन में अनुसंधान विकास और नवाचार को बढ़ावा देगी।
- यह इच्छुक किसानों के लिए इस क्षेत्र में कौशल विकास को भी बढ़ावा देगी।
राष्ट्रीय कामधेनु योजना की खामियां:
- परियोजना केवल एक उचित योजना के साथ शुरू हो सकती है जिसकी समीक्षा की जाएगी और परियोजना स्वीकृति समिति (पीएससी) द्वारा अनुमोदित की जाएगी। इसलिए परियोजना को अंतिम रूप से लागू करने में अधिक समय लग सकता है।
- वर्तमान में, कामधेनु आयोग के लिए कोई सीधा हेल्पलाइन नंबर नहीं है। यह वर्तमान में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत होगा।
कैसे करें आवेदन:
- आवेदन राष्ट्रीय कामधेनु योजना की लिंक http://kamdhenu.gov.in/ पर क्लिक करें ।
- इसके बाद आपके सामने अप्लाई ऑनलाइन का विकल्प दिखाई देगा, जहां आपको क्लिक करना होगा।
- अब आपके सामने राष्ट्रीय कामधेनु योजना पंजीकरण फॉर्म आ जायेगा।
- फॉर्म में पूछी गयी सभी जरूरी जानकारियां ध्यानपूर्वक भरें।
- इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।
आवश्यक दस्तावेज:
- प्रतिभागियों का आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक से प्रमाण पत्र जहां खाता खोला गया है
- भूमि स्वामित्व या शेड स्वामित्व प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट के आकार की तस्वीर
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति जैसे आरक्षित श्रेणियों के लिए जाति प्रमाण पत्र
- निवास या पता प्रमाण
- आय प्रमाण पत्र
- परियोजना स्वीकृति प्रति
निष्कर्ष:
हमारे इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। किसान समुदाय को सशक्त बनाने एवं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सही और उचित जानकारी पहुंचाने की हमारी पूरी कोशिश है। ऐसी ही खेती और कृषि ख़बरों को पढ़ने और जानने के लिए किसान वेदिका वेबसाइट लिंक https://kisanvedika.bighaat.com/ पर क्लिक करें।