देश में किसानों के बीच प्राकृतिक और रसायन मुक्त खेती को प्रोत्साहित करने के लिए केंन्द्र सरकार ने भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (BPKP) को बढाकर साल 2023 – 2024 तक एक अलग और स्वतंत्र योजना के रूप में प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (NMNF) शुरू किया है। जिसका उद्देश्य किसानों को रसायन-मुक्त खेती करने के लिए पहुंच बढ़ाना और प्रोत्साहित करना है।
योजना अवलोकन:
- योजना का नाम: प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (NMNF)
- योजना लॉन्च वर्ष 2023-24
- आवंटित राशि: 1584 करोड़ रुपये
- योजना का प्रकार: केंद्र सरकार योजना
विशेषताएं:
- इस योजना का लक्ष्य अगले चार वर्षों में 15,000 समूहों को विकसित करके 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करना है।
- इसका लक्ष्य गंगा बेल्ट और देश के अन्य वर्षा आधारित भागों में 1 करोड़ किसानों तक पहुंचना है।
- योजना के उद्देश्यों में खेती की वैकल्पिक प्रणालियों को बढ़ावा देना, देसी गाय और स्थानीय संसाधनों पर आधारित एकीकृत कृषि-पशुपालन मॉडल को लोकप्रिय बनाना और प्राकृतिक खेती तकनीकों को एकत्रित करना आदि शामिल है।
- यह योजना प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता, क्षमता निर्माण, प्रचार और प्रदर्शन के लिए काम करेगी।
- किसानों को ऑन-फार्म इनपुट उत्पादन बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सहायता के रूप में डीबीटी के माध्यम से प्रति हेक्टेयर 15000 रुपये और प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
योजना से जुडी नवीनतम खबर:
- इस मिशन का उदेश्य अगले चार सालों में 15,000 समूहों के विकास के माध्यम से 7.5 लाख हेक्टेयर भूमि को कवर करना है, जिसका कुल बजट परिव्यय 1,584 करोड़ रुपये है।
- सरकार ने साल 2023-24 के लिए 459.00 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है। इस योजना से रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग में उल्लेखनीय कमी आने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- इसके अलावा, साल 2023-24 के लिए उर्वरक सब्सिडी का बजट 1,75,099 करोड़ रुपये रखा गया है। किसानों को किफायती कीमत पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
लाभ:
- इस योजना के माध्यम से पारंपरिक स्वदेशी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।
- बाहरी रूप से खरीदे गए इनपुट की लागत को कम करके किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- देसी गाय और स्थानीय संसाधनों पर आधारित एकीकृत पशुपालन और कृषि मॉडल को बढ़ावा मिलेगा।
- किसानों को 15000 प्रति हेक्टेयर रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है।
- देश के विभिन्न भागों में अपनाई जा रही प्राकृतिक कृषि तकनीकों को एकत्रित करना और उनका दस्तावेजीकरण करना।
खामियां:
इस योजना का लाभ वह किसान नहीं उठा सकते, जिनके पास प्राकृतिक खेती तकनीकों को लागू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल का अभाव है। यह योजना उन किसानों के लिए भी लाभकारी नहीं हो सकती है जिनकी संसाधनों और बुनियादी ढांचे तक सीमित पहुंच है।
निष्कर्ष:
प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (NMNF) देश भर में टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार का एक सराहनीय प्रयास है। इस योजना का उद्देश्य बाहरी इनपुट पर निर्भरता कम करके और पारंपरिक और स्वदेशी खेती के तरीकों को अपनाने को प्रोत्साहित करके किसानों की आय को बढ़ावा देना है।