केरल राज्य में पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए, 29 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) और केंद्रीयकृत कॉल सेंटरों का उद्घाटन केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा किया गया।
प्रत्येक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई में अनिवार्य रूप से एक योग्य पशु चिकित्सक और एक पशुमित्र शामिल होगा एवं यह हेल्पलाइन नंबर 1962 वाले एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर का उपयोग करके संचालित किया जाएगा।
पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण (एलएच और डीसी) योजना, एमवीयू की स्थापना और संचालन की देखरेख करती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशु चिकित्सालयों और औषधालयों की स्थापना करना और उन्हें मजबूत बनाना है। यह योजना केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य राज्यों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिससे वह एक एमवीयू प्रति एक लाख पशुधन की आबादी पर शुरू कर सकें। यह गैर-आवर्ती व्यय और केंद्रीय शेयरों के लिए 16 लाख रुपये/1 एमवीयू तक 100% की आर्थिक सहायता प्रदान करता है (केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100 प्रतिशत, उत्तर पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए 90 प्रतिशत और अन्य सभी राज्यों के लिए 60 प्रतिशत) इसका आवर्ती व्यय 18.72 लाख/1 एमवीयू होगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, देश भर में 4332 एमवीयू पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए है।
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के उद्देश्य:
- पशुपालकों को विशेष सेवाएं प्रदान करना।
- किसानों की चौखट पर निदान सेवाओं, टीकाकरण, मामूली सर्जिकल हस्तक्षेप, ऑडियो-विजुअल एड्स, कृत्रिम गर्भाधान और विस्तार सेवाओं का प्रावधान।
- पशु चिकित्सा मुद्दों को हल करने और देश के दूरस्थ क्षेत्रों में सूचना के प्रसार के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य।
- केंद्रीकृत कॉल सेंटर में पशुपालकों से कॉल प्राप्त करना और पशु चिकित्सक आपातकालीन प्रकृति के आधार पर सभी मामलों को प्राथमिकता देना और उन्हें किसान के दरवाजे पर उपस्थित होने के लिए पास के एमवीयू में भेज देना है।
निष्कर्ष:
इससे पशुओं का बेहतर स्वास्थ्य होगा और केरल में पशुपालकों के लिए घर पर पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।